रेलवे टिकिट बुकिंग में बड़ा बदलाव, अब ई-आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य Big change in railway ticket booking, now e-Aadhaar authentication mandatory
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार टाटकाल ट्रेन टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने जा रही है। इसके तहत जल्द ही टाटकाल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य किया जाएगा। यह कदम टिकट बुकिंग में हो रही धोखाधड़ी को रोकने और असली यात्रियों को टिकट प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य से लिया गया है। रेलवे मंत्रालय की यह पहल सत्यापित उपयोगकर्ताओं को प्राथमिकता देकर टिकट बुकिंग को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगी तथा ऑटोमेटेड बुकिंग टूल्स के दुरुपयोग पर अंकुश लगाएगी।
ई-आधार प्रमाणीकरण से मिलेगी निष्पक्ष पहुंच
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे टाटकाल टिकट आरक्षण के लिए जल्द ही ई-आधार सत्यापन को अनिवार्य करेगा। इससे टिकट बुकिंग प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी, खासकर उन यात्रियों के लिए जिन्हें तत्काल टिकट की आवश्यकता होती है। जिन उपयोगकर्ताओं ने अपने IRCTC खाते को आधार से लिंक किया होगा, उन्हें टाटकाल टिकट बिक्री की पहली 10 मिनट की अवधि में प्राथमिकता प्राप्त होगी, जब मांग सबसे अधिक होती है।
वर्तमान में, IRCTC खाता धारक जो अपने खाते को आधार से प्रमाणित करते हैं, वे प्रति माह 24 टाटकाल टिकट तक बुक कर सकते हैं। नया ई-आधार प्रमाणीकरण इस सुरक्षा को और मजबूत करेगा, जिससे अवैध उपयोगकर्ताओं और एजेंटों द्वारा सिस्टम के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाएगी। खास बात यह है कि अधिकृत IRCTC एजेंट भी पहली 10 मिनट की अवधि में टिकट बुकिंग नहीं कर पाएंगे, जिससे असली यात्रियों को टिकट पाने का बेहतर मौका मिलेगा।
ऑटोमेटेड बुकिंग टूल्स पर सख्त कार्रवाई
यह बदलाव रेलवे की उस व्यापक मुहिम का हिस्सा है, जो टिकट बुकिंग में बॉट्स और ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर के उपयोग को रोकने के लिए शुरू की गई है। पिछले छह महीनों में रेलवे ने 2.4 करोड़ से अधिक संदिग्ध उपयोगकर्ताओं के खाते निष्क्रिय कर दिए हैं और करीब 20 लाख खातों की जांच कर रही है। ये कदम टिकट स्कैलिंग, काला बाज़ारी और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए उठाए गए हैं, जो लंबे समय से टाटकाल टिकट प्रणाली को प्रभावित कर रहे हैं।
ई-आधार प्रमाणीकरण के इस समावेश से रेलवे की उम्मीद है कि टाटकाल बुकिंग प्रक्रिया में विश्वास और विश्वसनीयता लौटेगी। इससे असली यात्रियों को आसानी से टिकट मिल सकेगा और वे अनैतिक बाधाओं से बच पाएंगे। यह कदम सरकार की डिजिटल सेवा और सार्वजनिक प्रणालियों में पारदर्शिता बढ़ाने की व्यापक योजना के अनुरूप है।