देहरादून-विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के विगत पखवाड़े से चल रहे धरने को उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने देहरादून धरनास्थल पर पहुंच अपना समर्थन दिया।इस अवसर पर कर्नाटक के साथ पूर्व लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा एवं चमोली जिला महामंत्री संदीप कुमार पटवाल भी धरनास्थल पर पहुंचे।विदित हो कि पूर्व में भी दो बार बार कर्नाटक कर्मचारियों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंच धरने में शामिल हुए हैं।
सरकार ने पूर्व में ही इन कर्मचारियों को विधानसभा से निष्कासित कर जहां अपनी भाई भतीजावाद की राजनीति चरितार्थ कर दी – कर्नाटक
इस अवसर पर धरने को सम्बोधित करते हुए कर्नाटक ने कहा कि सरकार ने पूर्व में ही इन कर्मचारियों को विधानसभा से निष्कासित कर जहां अपनी भाई भतीजावाद की राजनीति चरितार्थ कर दी हैं। वहीं दूसरी ओर बेहद ठंड के इस मौसम में सड़क पर बैठे इन कर्मचारियों की एक बार भी सुध नहीं ली है जो इस सरकार का अमानवीय चेहरा भी प्रदर्शित करता है।

सत्ता के मद में चूर होकर प्रदेश सरकार ने इन चुनिंदा कर्मचारियों को द्वेषपूर्ण राजनीति के तहत बर्खास्त कर दिया-
कर्नाटक ने कहा कि प्रदेश सरकार की तुगलकी नीति के कारण आज इन कर्मचारियों के परिवारों का भविष्य दांव पर लग गया है तथा इनके परिवारों के सामने भूखे मरने की स्थिति बन रही है।उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में चूर होकर प्रदेश सरकार ने इन चुनिंदा कर्मचारियों को द्वेषपूर्ण राजनीति के तहत बर्खास्त कर दिया। परन्तु सरकार ने इतना नहीं सोचा कि सात साल से विधानसभा में अपनी सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों के परिवारों पर इस जबरन बर्खास्तगी से क्या बीतेगी?श्री कर्नाटक ने कहा कि प्रदेश सरकार मानवीय दृष्टिकोण अपनाए और अविलंब इन कर्मचारियों को सेवा में वापस ले।धरने को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों को मनमाने तरीके से निष्कासित कर इन लोगों के साथ बेहद अन्याय किया है।
दमनकारी नीति से इन सैकड़ों कर्मचारियों के परिवारों पर बेहद गंभीर संकट आने पड़ा
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार की दमनकारी नीति से इन सैकड़ों कर्मचारियों के परिवारों पर बेहद गंभीर संकट आन पड़ा है।उन्होंने कहा कि हम विधानसभा से जबरन निकाले गए। अपने उत्तराखण्ड के इन भाई बहनों के साथ इस तरह का अन्याय बिल्कुल सहन नहीं करेंगें तथा इस विपत्ति के समय में हम पूर्णरूप से इन कर्मचारियों एवं इनके परिवारों के साथ खड़े हैं।
