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    डिजिटल पेमेंट के मामले में यें राज्य निकले आगे, विकसित राज्यों को पछाड़ा

    Upi

    भारत में डिजिटल साक्षरता को लेकर पारंपरिक धारणाओं को तोड़ते हुए छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अब डिजिटल पेमेंट के मामले में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे विकसित राज्यों से आगे निकल गए हैं। सांख्यिकी मंत्रालय के ताजा सर्वेक्षण के आधार पर यह खुलासा हुआ है कि देश की डिजिटल क्रांति की अगुवाई अब महानगरों या संपन्न राज्यों की बजाय अपेक्षाकृत पिछड़े समझे जाने वाले क्षेत्र कर रहे हैं।

    छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की बढ़त, दक्षिणी राज्य पीछे

    जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में छत्तीसगढ़ में 95.2 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे UPI के माध्यम से लेनदेन करना जानते हैं, जो राष्ट्रीय औसत 81.4 प्रतिशत से कहीं अधिक है। मध्यप्रदेश और बिहार में भी यह आंकड़ा बेहद मजबूत रहा। बिहार में 84.8 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 84.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें UPI का उपयोग करना आता है।

    इसके मुकाबले महाराष्ट्र जैसे समृद्ध राज्य में केवल 69.7 प्रतिशत लोगों ने डिजिटल भुगतान की जानकारी होने की बात कही। केरल में यह आंकड़ा 73.3 प्रतिशत और तेलंगाना में 73.5 प्रतिशत रहा। वहीं कर्नाटक, जो कि देश की टेक राजधानी बेंगलुरु का घर है, वहां भी तीन-चौथाई से कम लोग ही UPI से परिचित पाए गए।

    डिजिटल अपनाने में महिलाएं आगे, लेकिन साइबर जागरूकता में कमी

    इस सर्वेक्षण में एक और रोचक पहलू सामने आया है — महिलाओं की डिजिटल भुगतान में बढ़ती भागीदारी। राष्ट्रीय स्तर पर 84 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे ऑनलाइन बैंकिंग और UPI लेनदेन करने में सक्षम हैं, जबकि पुरुषों का यह आंकड़ा 79.9 प्रतिशत रहा। बिहार में यह अंतर और भी स्पष्ट है, जहां 89.3 प्रतिशत महिलाएं UPI लेनदेन कर सकती हैं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 82.3 रहा।

    बिहार ने इंटरनेट पहुंच के मामले में भी कई विकसित राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। राज्य के 87.7 प्रतिशत घरों में इंटरनेट उपलब्धता पाई गई, जो कि कर्नाटक (86.3%), महाराष्ट्र (84.7%) और तमिलनाडु (71.8%) से अधिक है।

    हालांकि, डिजिटल भुगतान का बढ़ता उपयोग साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता के साथ नहीं बढ़ा है। बिहार जैसे राज्य, जो UPI में अग्रणी हैं, वहां केवल 13.4 प्रतिशत लोगों को साइबर अपराध की रिपोर्टिंग की जानकारी है। इसके मुकाबले कर्नाटक में यह आंकड़ा 25.7 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 23.4 प्रतिशत है।

    यह आंकड़े स्पष्ट संकेत देते हैं कि भारत में डिजिटल क्रांति का नक्शा अब बदल रहा है — और इसे नेतृत्व दे रहे हैं वे राज्य, जिन्हें कभी डिजिटल रूप से पिछड़ा माना जाता था।

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