• Wed. Nov 12th, 2025

    नमाज पढ़ना चाहती, पर न शादी न हिंदू धर्म बदलना चाहती, नैनिताल कोर्ट में है मामला

    नैनीताल हाई कोर्ट में मध्यप्रदेश के नीमच की रहने वाली एक हिंदू युवती भावना ने कलियर शरीफ में नमाज पढ़ने की अनुमति मांगी। जिसके बाद यह देश प्रदेश में चर्चा का विषय बनी है।
    हाईकोर्ट से हिंदू युवती को पिरान कलियर में नमाज अदा करने की अनुमति मिलने के बाद मामले में नया खुलासा हुआ है। जिस मित्र के साथ युवती ने नमाज पढ़ने की अनुमति मांगी है, उसी के खिलाफ वह करीब छह माह पूर्व दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज करवा चुकी है। वहीं, मामले में प्रशासन और पुलिस हाईकोर्ट का आदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
    कोर्ट ने फैसला लड़की के पक्ष में सुनाते हुए उसे सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया। वहीं, मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 मई रखी गई है।

    धर्म नहीं बदलना चाहती पर नमाज पढ़ना चाहती
    अदालत ने भावना से यह पूछा कि आपने अपना धर्म नहीं बदला फिर भी आप नमाज अदा करना चाहती हैं क्यों? इस पर लड़की ने जवाब दिया, वह इससे बेहद प्रभावित है। इसी वजह से वह नमाज पढ़ना चाहती है। भावना ने अदालत से यह भी कहा कि उसने अभी तक शादी नहीं की है। साथ ही वह अपना धर्म भी बदलना नहीं चाहती है। वह हिंदू धर्म को मानती है और किसी बिना किसी डर-भय के वह कलियर में इबादत करना चाहती है।

    सिडकुल में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है

    मध्य प्रदेश के नीमच की रहने वाली 22 वर्षीय हिंदू युवती और हरिद्वार के एक गांव के रहने वाले मुस्लिम युवक फरमान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पिरान कलियर में नमाज पढ़ने और उन्हें सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई थी।22 वर्षीय भावना हरिद्वार स्थित सिडकुल में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है। भावना के साथ उसी कंपनी में 35 वर्षीय फरमान नाम का एक युवक भी काम करता है।

    बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट ने उन्हें अनुमति देते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी को दोनों को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों की मुलाकात हरिद्वार के एक बड़े संस्थान में काम करने के दौरान हुई थी।


    सूत्रों की मानें युवक पहले से शादीशुदा और तीन बच्चों का पिता है। दोनों काफी समय तक साथ रहे। बाद में फिर दोनों अलग हो गए। बाद में युवती ने फरमान के खिलाफ पिरान कलियर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच रुड़की में चल रही है।लड़की ने याचिका में इसे अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताया है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *