छोटी उम्र में क्यों बढ़ रही है PCOD की समस्या? जानें कारण, लक्षण और बचाव के आसान उपाय
आज की अनियमित जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते कम उम्र की महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें महिलाओं की ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो मासिक धर्म, प्रजनन क्षमता और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को प्रभावित करता है। ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. इला गुप्ता ने इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला है।
PCOD के कारण
डॉ. इला गुप्ता के अनुसार, निम्नलिखित कारणों से कम उम्र में PCOD की समस्या हो सकती है:
1. अनियमित जीवनशैली: खराब दिनचर्या और अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि इस समस्या को बढ़ा सकती है।
2. असंतुलित आहार: जंक फूड और अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार PCOD का प्रमुख कारण है।
3. स्ट्रेस: अत्यधिक तनाव हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है।
4. आनुवंशिकता: यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। यदि परिवार में किसी को PCOD है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
PCOD के लक्षण
PCOD के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
* मासिक धर्म चक्र का अनियमित होना।
* वजन बढ़ना या मोटापा।
* चेहरे, छाती या पीठ पर अनचाहे बालों का बढ़ना।
* चेहरे पर पिंपल और एक्ने का अधिक होना।
* ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना।
PCOD से बचाव के उपाय
डॉ. गुप्ता बताती हैं कि PCOD को नियंत्रित करने और इससे बचने के लिए महिलाओं को अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए।
1. संतुलित आहार
* आहार में हरी सब्जियां, ताजे फल, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, मछली और होलग्रेन अनाज शामिल करें।
* फाइबर युक्त भोजन जैसे ओट्स और ब्राउन राइस का सेवन करें।
* चीनी और अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
2. नियमित व्यायाम
रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज करें।
योग और वॉकिंग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
3. तनाव प्रबंधन
मेडिटेशन और रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।
पर्याप्त नींद लें और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
4. चिकित्सा सलाह
यदि समस्या बढ़ रही हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित स्वास्थ्य जांच और समय पर उपचार बेहद जरूरी है।
PCOD एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और समय पर चिकित्सा सहायता से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता और समय पर ध्यान देकर महिलाएं न केवल PCOD से बच सकती हैं, बल्कि स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।