टेनिस खिलाड़ी की पिता ने गोली मारकर की हत्या, चार लोग क्या कहेंगे के नाम पर छिनी जिंदगी
गुरुग्राम में 25 वर्षीय राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनके पिता ने उस समय कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी जब वह रसोई में खाना बना रही थीं। राधिका, जो खुद की टेनिस अकादमी चलाकर अपने और अन्य युवा खिलाड़ियों का भविष्य संवारने की कोशिश कर रही थीं, पारिवारिक इज्जत और करियर को लेकर पिता से चले आ रहे विवाद में अपनी जान गंवा बैठीं।
गुरुग्राम पुलिस के अनुसार, 51 वर्षीय दीपक यादव, जो राधिका के पिता हैं, गांव और समाज में यह कहे जाने से आहत थे कि वह अपनी बेटी की अकादमी से होने वाली आमदनी पर निर्भर हैं। यह घटना गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे सुशांत लोक-II के ब्लॉक-जी में हुई, जहां अचानक हुई इस हिंसा ने शांत इलाके को हिला कर रख दिया।

उभरती खिलाड़ी, टूटते सपने
राधिका यादव की कहानी मेहनत और लगन से भरी थी। स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 2018 में कॉमर्स में 12वीं पास की और स्कूल के दिनों से ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया। उन्होंने राज्य स्तरीय टेनिस में कई उपलब्धियां हासिल कीं और इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) में डबल्स में 113वीं रैंक हासिल की। अपने करियर के चरम पर उन्होंने आईटीएफ डबल्स में टॉप 200 में जगह बनाई थी।
हाल ही में उन्हें कंधे में चोट लगी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। वह अपनी अकादमी चलाती रहीं और बच्चों को टेनिस में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती रहीं। लेकिन उनकी यह आत्मनिर्भरता और आगे बढ़ने की चाह उनके पिता के लिए गुस्से और कुंठा का कारण बन गई थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दीपक यादव को वजीराबाद गांव और जान-पहचान वालों से लगातार ताने सुनने पड़ते थे, जिसमें कहा जाता था कि वह अपनी बेटी की कमाई पर आश्रित हैं। यह उनके ‘सम्मान’ पर चोट थी, जिसने उन्हें डिप्रेशन और गुस्से में धकेल दिया। जांच में यह भी सामने आया कि राधिका की अकादमी बंद कराने को लेकर पिता और बेटी में पहले भी कई बार झगड़े हुए थे।
गर्व और सामाजिक छवि को लेकर विवाद
सदर एसीपी यशवंत यादव ने बताया कि दीपक यादव ने कई बार राधिका से अकादमी बंद करने को कहा था लेकिन राधिका अपने फैसले पर अड़ी रहीं। हाल ही में राधिका ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसे लेकर पिता नाराज थे। माना जा रहा है कि इसी वजह से विवाद फिर भड़क गया।
हत्या वाले दिन जब राधिका किचन में नाश्ता बना रही थीं, उनके पिता ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से उनके पीठ में तीन गोलियां दाग दीं। गोलियां उनके महत्वपूर्ण अंगों में लगीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पड़ोसियों ने गोलियों की आवाज और चीखें सुनीं, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर को भी जब्त कर लिया।
पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने बताया कि वह पिछले दो हफ्तों से डिप्रेशन में थे और समाज में लोग उनके मर्दानगी और आत्मसम्मान पर सवाल उठा रहे थे। एफआईआर में दर्ज बयान के अनुसार, उन्होंने स्वीकार किया कि वह अब और ‘बेइज्जती’ नहीं सह सकते थे और गुस्से में यह कदम उठा लिया।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्या के पीछे अन्य वजहें भी थीं, जैसे वित्तीय विवाद, पारिवारिक तनाव या राधिका की सोशल मीडिया पर बढ़ती सक्रियता। पुलिस उनके सोशल मीडिया पोस्ट और पिता-पुत्री के बीच हुए हालिया विवाद की भी जांच कर रही है।
राधिका यादव की अचानक मौत से स्थानीय खेल समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके साथी खिलाड़ी और दोस्त उन्हें एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में याद कर रहे हैं जिसने गुरुग्राम को टेनिस के क्षेत्र में पहचान दिलाने का सपना देखा था। उनकी अकादमी सिर्फ आमदनी का जरिया नहीं बल्कि कई बच्चों, खासकर लड़कियों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक स्तर पर खेल को अपनाने का एक अवसर थी।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह घटना समाज में ‘इज्जत’ के नाम पर बेटियों के सपनों को कुचलने की कड़वी सच्चाई को सामने ला रही है। यह मामला दिखाता है कि कैसे करियर और पारिवारिक सम्मान की टकराहट में एक बेटी की जिंदगी हमेशा के लिए छिन सकती है।