उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर हल्द्वानी के एम.बी.पी.जी. कॉलेज प्रांगण में भव्य ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ, वीरांगनाएँ और उनके परिवार शामिल हुए।मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सम्मेलन में उपस्थित सैनिकों का पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया और कहा कि उत्तराखंड का हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उसके घर से कोई न कोई भारत माता की सेवा में समर्पित है। उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड वीरभूमि है, यहाँ की माटी में राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना रची-बसी है।”सीएम ने सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा की और कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी होगी ताकि हर सैनिक परिवार तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुँच सके।
हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों और आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा।उन्होंने शहीद सैनिकों की नारियों के लिए आवासीय सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये और शहीद सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा की। इसके अलावा, हल्द्वानी में सैनिक परिवारों के 150 बच्चों के लिए आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है।” उन्होंने स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और राष्ट्र विरोधी सोच का देश में कोई स्थान नहीं है।सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने वीर नारियों और वीरांगनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 22,000 से अधिक सैनिकों को रोजगार प्रदान किया गया है और वीरता पदक विजेताओं को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा दी गई है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और सरकार लगातार उनके कल्याण के लिए कार्यरत है।सम्मेलन में नैनीताल की 31 और ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री द्वारा शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी, विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

