पीएम मोदी का “विकसित भारत स्वप्न” सीएम धामी कर रहे हैं देवभूमि में साकार : मथुरा दत्त जोशी
डबल इंजन सरकार में दोगुनी रफ्तार से हो रहा है देवभूमि का विकास: भाजपा
देहरादून 28 नवंबर। भाजपा ने विकास केंद्रित पत्रकार वार्ता श्रंखला की शुरुआत करते हुए, डबल इंजन सरकार में दोगुनी रफ्तार से विकास होने का दावा किया है। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा, मुख्यमंत्री धामी के कुशल नेतृत्व में पीएम मोदी का “विकसित भारत स्वप्न” देवभूमि में साकार हो रहा है।
अल्मोड़ा में हुई पत्रकार वार्ता श्रंखला की शुरुआत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता श्री मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि डबल इंजन में हुए विकास का लेखा जोखा प्रस्तुत करने के लिए सभी सांगठनिक जनपद केंद्रों में हमारे वक्ता मीडिया के माध्यम से संवाद कर रहे हैं। जिसमें केंद्र और राज्य की सरकार में देवभूमि का हम कितना विकास करने में सफल हुए हैं और आगे की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। साथ ही उन अनेकों ऐतिहासिक, साहसिक एवं नवाचार के निर्णयों पर भी प्रकाश डालेंगे, जिनसे सृजित नया इतिहास अन्य राज्यों के लिए नजीर बना है।
इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री जोशी ने कहा, राज्य का विकास आज जनता अनुभव कर रही है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व विकसित उत्तराखंड बनाने जा रहे हैं। आज भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि उत्तराखंड न सिर्फ धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन रहा है, बल्कि आधुनिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, सिर्फ केंद्र सरकार की विकास परियोजनाओं की बात करें तो 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं आज राज्य में प्रगतिशील हैं। जिसमें केदारनाथ-बद्रीनाथ मास्टर प्लान और चार धाम यात्रा में विकास की बात करें तो बाबा भोलेनाथ की नगरी श्री केदारनाथ में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक स्वरूप दोनों को ध्यान में रखकर किया गया का पुनर्निर्माण कार्य अदभुत है।
वहीं बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत सड़क, पार्किंग, आवासीय सुविधाओं और तीर्थ यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। चारधाम यात्रा मार्गों का व्यापक कायाकल्प हो रहा है जिससे यात्रा और भी सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बन रही है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजना
से श्रद्धालुओं को यात्रा में समय की बचत होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन होने वाला है।
उन्होंने कहा, पहाड़ पर रेल चढ़ाने का सपना शीघ्र ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनने वाली रेल लाइन पर दौड़ेगा। यह परियोजना उत्तराखंड की लाइफलाइन बनेगी, जो हिमालयी क्षेत्र को रेल नेटवर्क से जोड़कर न सिर्फ जनसंपर्क बढ़ेगा बल्कि आपदा के समय राहत कार्यों में भी गति आएगी। इससे पर्यटन, व्यापार और निवेश के अनगिनत नए अवसर खुलेंगे।
वहीं उन्होंने राज्य में पेयजल और ऊर्जा की समस्या के समाधान का दावा करते हुए कहा, दशकों से लंबित सौंग, किसाऊ, लखवाड व्यासी व जमरानी बांध परियोजनाओं पर पुनः तेजी से काम शुरू हुआ है। जो उत्तराखंड के जल और ऊर्जा संकट के दीर्घकालिक समाधान का माध्यम बनेंगी। राज्य में जल जीवन मिशन से हर घर नल से जल पहुंच रहा है जिससे हजारों पहाड़ी गांवों की महिलाओं का श्रम घटा है और जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लाखों किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता मिल रही है। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्राकृतिक आपदाओं और फसलों के नुकसान से किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
वहीं यातयात के क्षेत्र में हुए सुधार का जिक्र करते हुए कहा, दुर्गम पहाड़ी इलाकों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। जिससे गाँव-गाँव तक सड़क पहुँचने से शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्के मकान दिए जा रहे हैं। इसी तरह आयुष्मान भारत योजना के विस्तार में अटल आयुष्मान उत्तराखंड से लाखों परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य सहयोग राशि दी जा रही है, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
से युवाओं को स्व-रोजगार के अवसर और छोटे उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
उन्होंने धामी सरकार द्वारा हासिल राष्ट्रीय उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, केंद्र और राज्य के समन्वित प्रयासों से खनन क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं। जिसका प्रतिफल रूप में उत्तराखंड को रिकॉर्ड ₹200 करोड़ का प्रोत्साहन मिला है। धामी सरकार की भ्रष्टाचार पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति ने अवैध खनन पर निर्णायक नियंत्रण स्थापित किया है, जिससे उत्तराखंड एक राष्ट्रीय मॉडल बनकर उभरा है। तकनीकी सुधारों, पारदर्शिता और केंद्र के सहयोग से पिछले चार वर्षों में खनन राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से राज्य के विकास को नई गति मिली है और इसका प्रमाण यह है कि उत्तराखंड ने नीति आयोग की SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 रिपोर्ट में देश में पहला स्थान हासिल करना। इसी तरह मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी राज्य को हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रदेश के 4 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। हमारी पर्यटन क्षेत्र में किए जा रही कोशिशों का नतीजा है कि उत्तराखण्ड को “बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन” और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है। राज्य को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अंतर्गत मोस्ट फिल्म फ्रेंडली पुरस्कार मिला है।
इतना ही नहीं, अनेकों ऐतिहासिक, साहसिक और नवाचार के कदमों ने उत्तराखंड को अन्य राज्यों के लिए नजीर बनाया है। जिसमें कठोरतम नकल निरोधक कानून बनाकर युवाओं के भविष्य को सुरक्षित एवं उज्जवल करने का ऐतिहासिक कार्य किया गया। प्रदेश से जड़े जमा चुके नकल माफियाओं का समूल नाश करते हुए अब तक 200 से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। इसके संरक्षण में अब तक 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी है।
इसी क्रम में यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बनाना हो, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून हो, चाहे अवैध धार्मिक अतिक्रमणों पर कार्रवाई हो, प्रदेश की डेमोग्राफी और छवि संरक्षण एवं संवर्द्धन का शानदार काम किया गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ते हुए, IAS, IFS आदि तमाम बड़े-बड़े नौकरशाहू एवं प्रभावशाली व्यक्तियों पर कार्रवाई कर कानून के शिकंजे में लाया गया है।
इसी तरह, मातृशक्ति एवं राज्य आंदोलनकारी को सम्मान एवं सशक्तिकरण देते हुए क्रमश 30 एवं 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया।
जागेश्वर धाम विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक धरोहर है। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर इसके सौंदर्यीकरण, सुगम पहुँच, पर्यटक सुविधाओं के विस्तार, और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर विकास कार्य कर रही है।
इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
चितई मंदिर उत्तराखंड की आस्था का केंद्र है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, बेहतर सुविधाएँ विकसित करने, मंदिर परिसर के संरक्षण, सुगम यातायात और पर्यटन ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा योजनाएँ तैयार की जा रही हैं।
इसके विकसित होने से अल्मोड़ा पर्यटन में नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा।
अल्मोड़ा व आसपास के क्षेत्रों में बनने वाले स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र, लोक भोजन, और पारंपरिक कला उत्पादों को देशभर में पहचान दिलाने के लिए इन्हें ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत ‘विश्वास प्लेटफॉर्म’ तक पहुँचाने की योजना पर कार्य हो रहा है।
इससे स्थानीय कारीगरों, महिलाओं, युवाओं और छोटे उत्पादकों को सीधा बाज़ार, बढ़ी हुई आय और राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
लोकल उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के प्रयास
का श्रेय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी नीति और
माननीय धामी सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को जाता है।
केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर उत्तराखंड को आध्यात्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय उद्यम और आर्थिक उन्नति के नए युग में ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
पत्रकार वार्ता में जिले के अध्यक्ष महेश नयाल, महापौर अजय वर्मा, नगर अध्यक्ष विनीत बिष्ट, जिला मीडिया प्रभारी मनीष जोशी (मंटू), पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य राजीव गुरुरानी, जिला उपाध्यक्ष पूनम पालीवाल,हरीश कनवाल, रेडक्रास सोसाइटी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज सनवाल, ग्राम प्रधान पंकज रौतेला , विपिन भट्ट आदि लोग मौजूद रहे ।

