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    मौनी बाबा बनकर बैठे है जनप्रतिनिधि, कर्नाटक बोले ‘स्वास्थ सुविधाओ के नाम पर अल्मोड़ा की जनता के साथ हो रहा खिलवाड़’

    खिलवाड़ के लिए जनप्रतिनिधि हैं जिम्मेदार-बिट्टू कर्नाटक


    अल्मोड़ा। मेडिकल कॉलेज में तैनात आठ विशेषज्ञ चिकित्सकों की संबद्धीकरण अवधि खत्म हो गई पर जनप्रतिनिधि, सरकार और मेडिकल कॉलेज प्रशासन गहरी नींद में सोया रहा।यदि इन चिकित्सको का संबद्धीकरण समाप्त होने से पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन व प्रदेश सरकार ने इनके नियमितीकरण की कार्यवाही की होती या जनहित में अन्य चिकित्सको की व्यवस्था कर ली होती तो आज मरीजों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का।

    मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड, नाक, कान, गला, आंख का उपचार मिलना ठप हो गया है

    विदित हो कि मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए एक साल पूर्व रेडियोलॉजिस्ट,ईएनटी, आई सर्जन,पैथोलॉजी लैब प्रभारी सहित आठ चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग से यहां संबद्ध किया गया। सोमवार को एक साल पूरा होते ही सभी चिकित्सकों का संबद्धीकरण खत्म हो गया है।

    कॉलेज प्रबंधन को मजबूर होकर उन्हें रिलीव करना पड़ा है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड, नाक, कान, गला, आंख का उपचार मिलना ठप हो गया है। इससे मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही है और उन्हें दूसरे अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है।

    जनप्रतिनिधि केवल अपनी जय जयकार करवाने में मस्त

    इस गंभीर विषय पर पूर्व दर्जामंत्री कर्नाटक ने प्रदेश सरकार,अल्मोड़ा के जनप्रतिनिधियों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को कोसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार और अल्मोड़ा के जनप्रतिनिधियों को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नही रह गया है।

    जनप्रतिनिधि केवल अपनी जय जयकार करवाने में मस्त है।मेडिकल कॉलेज से इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सक चले गए पर जन प्रतिनिधि अभी भी नींद से नही जागे।उन्होंने कहा कि विगत दिनों जिला चिकित्सालय में एन.आई.सी.यू .की सुविधा उपलब्ध न होने से एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई।उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि अल्मोड़ा विधानसभा में जिला चिकित्सालय मात्र एक रेफलर सेंटर बनकर रह गया है।पर जनप्रतिनिधि मौनी बाबा बनकर बैठे हुए है।मेडिकल कॉलेज से बड़ी संख्या में चिकित्सक चले जाते है पर जनप्रतिनिधियों का मौन नही टूटता।

    पंद्रह दिन के भीतर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे

    उन्होंने कहा कि क्या जनता ने इसलिए इन जनप्रतिनिधियों को जिताकर विधानसभा/लोकसभा भेजा था कि ये सब चुनाव जीतकर जनता की दुःख तकलीफें सब भूल जायेंगे।उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि जिला अस्पताल में लोगों को स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल रही,मेडिकल कॉलेज से चिकित्सक बड़ी संख्या में जा रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधि मौन है।उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में जनप्रतिनिधियों के ढुल- मुल रवैये को देखते हुए जनता को अब जनप्रतिनिधियों से कोई खास अपेक्षा रह भी नही गई है। कर्नाटक ने कहा कि जनप्रतिनिधि मौनी बाबा बनकर बैठे रहे लेकिन जनता को हो रही असुविधा पर वे चुप नही बैठेंगे।

    उन्होंने कहा कि यदि पंद्रह दिन के भीतर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई तो वे मेडिकल कॉलेज में ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।श्री कर्नाटक ने कहा कि आज अल्मोड़ा विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर जनता के साथ जो मजाक हो रहा है इसके लिए वे जनप्रतिनिधि ही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं जिन्हे जनता ने जिताकर विधानसभा या लोकसभा भेजा।

    उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के हितों के लिए आवाज नहीं उठा सकते और मौनी बाबा बने रहते हैं उन्हे भी बिट्टू कर्नाटक बहुत जल्द आईना दिखाने का काम करते हुए चूड़ियां भेंट स्वरूप भेजने का काम करेंगे ताकि उनके अंदर की आत्मा जागे जिसके लिए जनता ने उन्हें चुना है उस काम को करने के लिए वे आगे आए।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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