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    एसएसजे विवि ने बीएड पाठ्यक्रम में प्रायोगिक कार्य को दी वरीयता


    अध्यापाक शिक्षा को नवाचारी बनाने को दो दिवसीय पाठ्य समिति बैठक सपन्न


    अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में बीएड एवं एमएड पाठ्य समिति की दो दिवसीय बैठक का शनिवार को सपन्न हो गई है। जिसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप अध्यापक शिक्षा में नवाचारी परिवर्तन लाने को प्रायोगिक कार्य एवं मूल्यांकन प्रणाली में फेरबदल किया है।


    एसएसजे विवि के शिक्षासंकाय की डीन प्रो भीमा मनराल ने बताया कि एसएसजे विवि से संबंद्ध सभी परिसरों, महाविद्यालयों में बीएड के पाठ्यक्रम में जरूरत के हिसाब से कुछ आमूलचूक परिर्वतन किए गए है। उन्होंने बताया कि विवि की ओर से दो दिवसीय पाठ्य समिति की बैठक आहूत की गई थी। जिसमें लखनऊ केंद्रीय विवि, बाबा साहेब अंबेडकर लखनऊ विवि, गढ़वाल केंद्रीय विवि एवं दिल्ली विवि के शिक्षा जगत से जुड़े तमाम प्रबुद्ध प्राध्यापकों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रतिभाग किया।

    कुल मिलाकर दो बाह्य एक्सपर्ट की ओर से मूल्यांकन

    जिसमें बीएड पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के अनुरूप परिर्वतन लाने के लिए व्यावहारिक एवं प्रायोगिक बदलाव किए गए है। उन्होंने बताया कि बीएड चतुर्थ सेमेस्टर में अब एक एक्सपर्ट के माध्यम से बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही अब बीएड कोर्सवर्क के दौरान अब कुलमिलाकर दो बाह्य एक्सपर्ट की ओर से मूल्यांकन किया जाएगा। बकायदा इसके लिए अंकों का क्राइटेरिया भी पाठ्य समिति ने तय कर लिया गया है। साथ ही एसएसजे विवि से संबद्ध सभी परिसरों एवं महाविद्यालयों में एक पाठ्य योजना भी लागू कर दी गई है। जिसका प्रारूप सभी कॉलेजों एवं महाविद्यालयों को भेजा जा रहा है।

    बदलावों को आगामी सत्र 2023-25 से लागू होगा

    समिति की ओर से किए गए बदलावों को आगामी सत्र 2023-25 से ही पूरी तरह से लागू भी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा संकाय की ओर से एसएसजे विवि के बीएड एवं एमएड एक्सपर्ट की सूची भी जारी कर दी गई है। चयनित प्राध्यापक ही अब बीएड कॉलेजों में परीक्षक की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं, शनिवार को शोध उपाधि समिति की बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें पांच शोधार्थियों के शोध प्रबंध रूपरेखाओं का अनुमोदन भी कमेटी की ओर से किया गया।


    बैठक में रिसर्च डिग्री कमेटी और बोर्ड आफ स्टेडीज फैकल्टी आफ एजुकेशन एसएसजे कंवीनर व डीन प्रो भीमा मनराल, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षाशास्त्र के डीन व हेड प्रो एसएन सिंह, हिमांचल प्रदेश केंद्रीय यूनिवर्सिटी डीन प्रो मनोज कुमार सक्सेना, श्रीनगर कंेद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल की प्रो गीता खंडूड़ी, सोबन सिंह जीना विवि के एलएसएम परिसर पिथौरागढ़ के डॉ एसके आर्या, दिल्ली विवि के रमेश चंद्र पाठक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से जुड़े। वहीं, सोबन सिंह जीना विवि के शिक्षाविभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ संगीता पवार, डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ नीलम कुमारी ने भी इस अवसर पर अपने अपने विचार व्यक्त किए।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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