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    उत्तराखंड राज्य में भू कानून लागू होना जरूरी है ताकि उत्तराखंड का पलायन रुक सके- प्रताप सिंह नेगी

    Byswati tewari

    Aug 12, 2023

    28साल संघर्ष करने के बाद 9 नवंबर 2000 में तत्कालीन सरकार के प्रधानमंत्री अटल जी ने यूपी से अलग करके उत्तराचंल के नाम से 27वे राज्य की घोषणा की। छह साल तक उत्तराचंल के नाम से इस राज्य का नाम चला बाद में जनवरी 2007 मे उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड राज्य रखा गया। सालो में कुमाऊं व गढ़वाल के युवाओं व बुजुर्गो,व महिलाओं ने लगातार आंदोलन के जरिए तत्कालीन सरकार को यूपी से अलग राज्य के लिए मांग रखी।

    सन 1994से उत्तराखंड पृथक राज्य के लिए उत्तराखंड क्रांति दल ने कुमाऊं व गढ़वाल के युवाओं व बुजुर्गो व महिलाओं को साथ लेकर जगह जगह पर आंदोलन करके उत्तराखंड पृथककरण के लिए संघर्ष किया। उत्तराखंड पृथक राज्य के आन्दोलन में सन 1सितबर खटीमा गोली कांड, 2सितंबर मंसूरी गोली कांड व 2अकटूबर मुजफ्फरनगर नगर कांड में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए शत् शत् नमन किया जाता है।

    कई महिलाओं व युवतियों व युवाओं के लिए संन 1994 मे तत्कालीन यूपी सरकार के दुराचार व दुर्व्यवहार सहकर भी उत्तराखंड पृथक राज्य के लिए संघर्ष किया। उत्तराखंड क्रांति दल के आन्दोलन कारी लोगों इसमें बड़ा योगदान दिया ।

    प्रताप सिंह नेगी समाजसेवी ने बताया उत्तराखंड पृथक राज्य के लिए 28 वर्षों लड रहे क्रांतिकारियों व शहीदों का सपना धरा ही धरा रह गया। उत्तराखंड पृथक राज्य बनाने का मकसद यही था हम उत्तराखंड को एक पहाड़ी राज्य के तौर परविकास व स्वास्थ्य व शिक्षा रोजगार का मार्गदर्शन करेंगे लेकिन 23 वर्ष हो जाने के बाद भी उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास तो खाली कागजों व हवाई घोषणा में होते आ रहा है। ये 23साल में वर्तमान सरकार ही नहीं बल्कि तत्कालीन सरकार भी जिम्मेदार है।

    उत्तराखंड राज्य में लंबे समय से अलग-अलग संगठनों के द्बारा व उत्तराखंड क्रांति दल के द्बारा तत्कालीन सरकार व वर्तमान सरकार को अवगत कराया गया। उत्तराखंड राज्य में भूँ कानून लागू कराने के लिए लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने भू कानून के लिए को कोई सकारात्मक सुझाव नहीं दिया। अभी चंद दिनों में उत्तराखंड क्रांति दल ने मुख्यमंत्री आवास कूच करके उत्तराखंड में हूं कानून लागू कराने के लिए पहल की। उत्तराखंड राज्य में हूं कानून लागू होना जरूरी है ताकि उत्तराखंड का पलायन रुक सके। भू कानून उत्तराखंड में बहार का आदमी ज़मीन नहीं ले सकेगा ।

    .......... प्रताप सिंह नेगी सामाजिक कार्यकर्ता 

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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