उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान अंतिम चरण में है। श्रमिकों को आज किसी भी वक्त बाहर निकाला जा सकता है। घटना स्थल पर एम्बुलेंस तैनात हैं।
चिन्यालीसौंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश लाया जाएगा। केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना स्थल पर पहुंचकर बचाव कार्यों की जानकारी ली।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के मद्देनजर मातली में अस्थाई रूप से मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बनाया गया है। अभियान के दौरान शासकीय कार्य और रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से यह कैम्प कार्यालय स्थापित किया गया है।
वहीं स्थानीय लोग स्थानीय देवता की ‘डोली’ को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में लाए, जहां फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा, “यह चुनौतीपूर्ण भरा कार्य है। यह उम्मीद करना कि अगले दो घंटों में हम उन्हें निकाल लेंगे, मैं समझता हूं यह सही नहीं है क्योंकि वर्क फोर्स पर इसका दबाव पड़ता है, क्योंकि यहां पर रेस्क्यू टीम भी रिस्क पर हैं और अंदर फंसे हुए मजदूर भी रिस्क पर हैं। हमें दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।”
