साल 2023 में पिछले साल के मुकाबले दो गुना भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसका कारण अल्मोड़ा फॉल्ट लाइन के सक्रिय होने को बताया जा रहा है। 2023 में अबतक 124 भूकंप,2022 में 65 भूकंप, 2021 में 60 भूकंप तो 2020 में 61 भूकंप देंखे गए।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि पश्चिमी नेपाल में अल्मोडा फॉल्ट के सक्रिय होने के कारण 2023 में भूकंप की गतिविधि बढ़ गई है। 2022 में 41 की तुलना में 2023 में 3.0 से 3,9 तीव्रता के बीच 97 भूकंप आए हैं। अल्मोडा फ़ॉल्ट में सक्रियता के कारण 24 जनवरी, 3 अक्टूबर और 3 नवंबर को महत्वपूर्ण भूकंप की घटनाएं हुईं। ये तीनों भूकंप 5.8 तीव्रता से अधिक थे। मंत्रालय ने संसद को सूचित किया, “इन मुख्य झटकों के साथ-साथ बाद के झटकों के कारण वर्ष 2023 में भूकंप की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस अवधि के दौरान पृष्ठभूमि भूकंपीयता अपरिवर्तित रही।”
पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिज्जू बताया कि “उत्तरी भारत और नेपाल में कभी-कभी मध्यम भूकंप और भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव का अनुभव होना आम बात है। नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग, जो हिमालय क्षेत्र के सक्रिय दोषों के पास स्थित है, अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं, जहां अक्सर भूकंप आने का खतरा रहता है।
अल्मोडा फ़ॉल्ट
इस साल दिल्ली-एनसीआर समेत भारत के उत्तरी हिस्से में तेज झटके महसूस किए गए। 24 जनवरी को नेपाल में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसका जोरदार असर महसूस किया गया.3 अक्टूबर को नेपाल में 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो भूकंप आए और झटके दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए.3 नवंबर को नेपाल में 6.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद 382 से ज्यादा झटके आए।
