Uttrakhand UCC bill विपक्ष बोला प्रावधानों की विस्तार से जांच हो
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा फिर से शुरू की और विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने इस कानून को सदन की एक प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव पेश किया।
विपक्षी विधायकों ने कहा कि वे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन इसके प्रावधानों की विस्तार से जांच की जानी चाहिए ताकि इसके पारित होने से पहले इसकी खामियों को दूर किया जा सके।
विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भुवन चंद्र कापड़ी ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण और 21 वर्ष से कम उम्र के लिव-इन पार्टनर के माता-पिता को सूचित करने का प्रावधान युवा वयस्कों की निजता का उल्लंघन है। विपक्ष के एक विधायक ने सरकार से सवाल करते हुए कहा किअगर राज्य का कोई व्यक्ति उत्तराखंड के बाहर लिवइन रिलेशनशिप में रह रहा है तो ऐसे में क्या किया जाएगा क्योंकि इस समय केवल उत्तराखंड में ही यह बिल लागू होगा।
उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने कहा कि अगर सदस्यों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय मिलता तो अच्छा रहता। आर्य ने कहा कि धामी सरकार को समान नागरिक संहिता बिल को लेकर थोड़ा सब्र करना चाहिए था।
यूसीसी विधेयक Uttrakhand UCC Bill पारित कराने के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024’ विधेयक में धर्म और समुदाय से परे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति जैसे विषयों पर एक समान कानून प्रस्तावित है। हालांकि, इसके दायरे से प्रदेश में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया है।
