भारतीयों को मिलेगा एक और मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के नागरिकों के लिए Climate Change के खिलाफ अधिकार की मांग को एक महत्वपूर्ण चरण देते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके पूर्व आदेशों की पालना करते हुए Climate Change यानी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों के अधिकारों की महत्वपूर्णता को जाहिर किया है।
मामला:
सुप्रीम कोर्ट के पास रिटायर्ड IAS अधिकारी डॉ. एम.के. रणजीतसिंह की रिट पेटीशन पर सुनवाई की गई, जिसमें उन्होंने ग्रेट इंडियन बसटर्ड (सोहन चिड़िया) और लेसर फ्लोरिकोन के बढ़ते खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की थी। यह पक्षी राजस्थान और गुजरात के क्षेत्रों में पाए जाते हैं और उनके लिए Overhead Transmission Lines का खतरा बढ़ता जा रहा है।
आदेश:
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में राजस्थान और गुजरात के 99 हजार स्कवायर किलोमीटर के एरिया में Overhead Transmission Lines के लगाने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद सरकार ने अंडरग्राउंड बिछाने की संभावना पर विचार किया, लेकिन यह संभव नहीं था। इसके बजाय, सुप्रीम कोर्ट ने एक Expert Committee का गठन किया है, जिसमें Wildlife Institute of India के निदेशक डॉ. हरिशंकर सिंह और अन्य प्रमुख शामिल हैं। यह समिति नवाचारी तरीकों को जांचेगी जो न केवल ऊर्जा के स्रोतों को सुरक्षित बनाए रखेंगे, बल्कि प्राकृतिक जीवन को भी संरक्षित करेंगे।
अधिकार की मांग:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नागरिकों के Climate Change के खिलाफ अधिकार की मांग को नोटिस किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करते हुए और साथ ही अपने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में सफल हो।
इस मामले में Climate Change के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों के अधिकार की महत्वपूर्णता को सुप्रीम कोर्ट ने पुनः साबित किया है। अब एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है, जो इस महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान करेगी।
