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    U’khand: वन विभाग में छुट्टियां रद्द, वनाग्नि से लाखों की वन संपदा राख

    प्रदेश में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं के बीच शासन-प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वन प्रशिक्षण अकादमी सभागार में वनाग्नि को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों की गहनता से समीक्षा की। राज्य सरकार ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं।

    मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये कि जब तक वनों में लगी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो जाती है तब तक वनाधिकारियों के अवकाश पर जाने पर रोक लगायी जाय। केवल गम्भीर बीमारी के मामलों में ही छूट दी जाय।नैनीताल के हल्द्वानी में आयोजित बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिये अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिये है। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने आज नैनीताल जिले में वनाग्नि से हुए नुकसान का आकलन के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच, भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। अबतक कई हेक्टर में फैली आग पर काबू पा लिया गया है।

    बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि वनाधिकारी हर समय वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों में रहकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करें। इस कार्य में लगे अधिकारियों को अनावश्यक रूप से बैठक में प्रतिभाग हेतु देहरादून न बलाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।उन्होंने कहा कि इस में सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो भी लोग वनों में आग लगाये जाने के दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश उन्होंने दिये है। मुख्यमंत्री ने लीसा डिपो के आस पास बनाग्नि के नियंत्रण पर ध्यान देने को कहा तथा फायर ब्रिगेड को भी एक्टिव करने को कहा। ताकि लीसा डिपो या अन्य संस्थानों को कोई नुकसान न हो। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।

    उन्होनें कहा कि सभी के प्रयासों से वनाग्नि की घटनाएं नियंत्रित हो रही है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बढते तापमान के दृष्टिगत पेयजल की कमी को दूर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, आयुक्त कुमांऊ दीपक रावत, जिलाधिकारी वन्दना के साथ ही वन एवं पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी एवं अन्य जन प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

    सांस और आंखों की तकलीफ की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीज

    अल्मोड़ा- बागेश्वर के अस्पतालों में इन दिनों सांस और आंखों की तकलीफ की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जंगलों में लगातार लग रही आग के कारण वातावरण में धुआं और धुंध छा रही है। जिससे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत हो रही है।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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