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    डिग्री कॉलेज के प्रोफेसरों के लिए सख्त आदेश, अब रोजाना 6 घंटे करनी होगी ड्यूटी

    उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों में प्रोफेसरों के लिए बड़ी खबर है। अब उन्हें हर रोज 6 घंटे कॉलेज में रहना होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। प्रोफेसरों को परिसर में आने और जाने पर बायोमैट्रिक उपस्थिति भी लगानी होगी। हाजिरी का विवरण प्रत्येक सप्ताह निदेशालय को भेजना होगा। UGC के प्रविधान को देखें तो शिक्षकों की प्रत्येक सप्ताह 40 घंटे उपस्थिति अनिवार्य हैउच्च शिक्षा विभाग शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर सख्त है। ऐसे में प्राचार्य और प्रोफेसरों को अब कॉलेज में रोजाना छह घंटे अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा। परिसर में आने और जाने पर बायोमैट्रिक उपस्थिति भी लगानी होगी। साथ ही हाजिरी का विवरण प्रत्येक सप्ताह निदेशालय को भेजना होगा।प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. अंजू अग्रवाल ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से बीते सप्ताह हुई विभागीय समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में पत्र जारी किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानकानुसार शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति और 180 दिन शिक्षण पर जोर दिया गया है।हर सप्ताह 40 घंटे स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्यवहीं, यूजीसी के प्रविधान को देखें तो शिक्षकों की प्रत्येक सप्ताह न्यूनतम 40 घंटे उपस्थिति अनिवार्य है। इस हिसाब से परिसर में रोजाना छह घंटा उपस्थिति जरूरी हो जाती है। दरअसल, इससे पूर्व भी शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर विभाग सख्त रहा है, लेकिन फिर भी कई महाविद्यालयों से समय-समय शिकायतें सामने आती रहती हैं।

    ऐसे में शिक्षण और शोध कार्य को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए शासन ने फिर से सख्ती दिखाई है। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र में अकादमिक कैलेंडर का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।


    उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र में कॉलेजों में रोजाना ध्वजारोहण और राष्ट्रगान करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें कॉलेज प्रशासन को सुबह 10 बजे सबसे पहले ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान करना होगा। इसके बाद ही दिन भर के अन्य क्रियाकलाप प्रारंभ किए जाएंगे। दरअसल, कुछ वर्ष पूर्व यह व्यवस्था शुरू की गई थी, लेकिन अब अधिकांश कॉलेजों में ऐसा नहीं किया जा रहा है। ऐसे में फिर से निर्देश जारी किए गए हैं।

    By D S Sijwali

    Work on Mass Media since 2002 ........

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