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    Uttarakhand: पति पत्नी ने मिलकर की रिटायर्ड प्रिंसिपल की हत्या और फरार

    दून के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य की रुड़की निवासी पति-पत्नी ने हत्या कर दी और शव को देवबंद सहारनपुर में ठिकाने लगा दिया। हत्या का आरोपी दंपती फरार है, जबकि शव ठिकाने लगाने वाले दो अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

    अभी पुलिस को हत्या के कारणों का पता नहीं चला है, साथ ही शव बरामद न होने से हत्या के तरीके की भी जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, मृतक की दून में करोड़ों की संपत्ति है, पहले भी कई बार उनकी संपत्ति को हड़पने के प्रयास किए गए।

    ऐसे में आशंका है कि संपत्ति हड़पने के इरादे से ही उनकी हत्या की गई। पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की कस्टडी रिमांड प्राप्त कर ली है।

    यह है पूरा मामला

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि बीते सात फरवरी को थाना पटेलनगर में निधि राठौर नाम की युवती ने अपने पिता श्यामलाल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया कि वह पीठावाला चंद्रबनी स्थित अपने घर से बाइक पर कहीं गए और वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ है।

    शिकायतकर्ता ने उन्हें अपने रिश्तेदारों के घर में भी तलाशा, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। 80 वर्षीय बुजुर्ग की गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि श्यामलाल के घर से निकलने से पूर्व किसी गीता नाम की महिला के साथ फोन पर बात हुई थी।

    उक्त नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सर्विलांस के माध्यम से जानकारी जुटाने पर पता चला कि गुमशुदा श्यामलाल व उक्त महिला के बीच उनके घर से निकलने के बाद चार बार बात हुई।

    इसके अलावा, महिला और श्यामलाल की लोकेशन भी एक ही स्थान पर रहने का पता चला। पुलिस ने श्यामलाल के घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरे जांचे तो उनके घर से मोटरसाइकिल पर किशन नगर चौक होते हुए उक्त महिला के देहरादून स्थित किराये के घर में के पास जाने की पुष्टि हुई, लेकिन वापस घर की ओर जाने का कोई फुटेज नहीं मिला। इस पर पुलिस ने संदिग्ध महिला गीता व उसके पति के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो दोनों देहरादून से फरार मिले और फोन नंबर भी बंद पाए गए।

    हत्या कर शव देवबंद में ही ठिकाने लगाया

    एसएसपी ने बताया कि महिला गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी मूल रूप से रुड़की के रहने वाले हैं और दून में किराये पर रह रहे थे। महिला का पता लगाने के लिए उसके मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश दी गई।

    जहां महिला के भाई अजय कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया तो पता चला कि उसकी बहन और जीता ने श्यामलाल की हत्या कर दी है, जिसके बाद उसने अपने एक अन्य साथी धनराज के साथ मिलकर मृतक के शव को देवबंद में ही ठिकाने लगा दिया है।

    बहन ने हत्या के बाद फोन कर दून बुलाया

    पूछताछ में महिला के भाई अजय कुमार ने बताया कि बीते दो फरवरी को उसकी बहन गीता ने उससे संपर्क किया और बताया कि उसने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी है।

    शव को ठिकाने लगाने के लिए मदद चाहिए। जिस पर अजय कुमार तीन फरवरी और उसका साथी धनराज चावला चार फरवरी को दून पहुंच गए। उन्होंने मृतक श्यामलाल के शव को प्लास्टिक के सफेद कट्टे में रस्सियों से बांधकर घर के अन्य सामान और कपड़ों के बैगों के साथ कार की डिग्गी में रख दिया।

    साथ ही मृतक की बाइक को दून में आईएसबीटी के पास एक खाली प्लाट में खड़ा कर दिया और नंबर प्लेट निकालकर कूड़े में फेंक दिया। इसके बाद वह शव को लेकर सहारनपुर के देवबंद पहुंच गए। जहां उन्होंने शव को नहर में बहा दिया और मृतक का सामान एक थैले में बांधकर नहर में फेंक दिया। पुलिस को अभी तक शव और सामान बरामद नहीं हुआ है।

    पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी अजय कुमार और धनराज चावला को कोर्ट में पेश किया और तीन दिन की पुलिस रिमांड ले ली है। वहीं, हत्या के मुख्य आरोपी दंपती की तलाश की जा रही है।

    दून के प्रतिष्ठित संस्थान से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है हिमांशु

    हत्या की मुख्य आरोपी गीता का पति हिमांशु दून के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। मूल रूप से वह रुड़की का रहने वाला है, लेकिन पढ़ाई के लिए वह दून में किराये पर अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।

    पुलिस के लिए कई अनसुलझे सवाल

    • पुलिस अभी तक हत्या के कारण और हत्या के तरीके के साथ ही घटना स्थल का भी पता नहीं लगा पाई है। सबसे बढ़ा रहस्य यह बना हुआ है कि हत्यारोपी मृतक को कैसे जानते थे और उन्होंने श्यामलाल को क्यों बुलाया था।
    • इसके साथ ही आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी। हालांकि, इस मामले को संपत्ति हड़पने से लेकर प्रेम प्रसंग तक से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
    • आरोपी गीता के रिटायर्ड प्रिंसिपल को मित्रता कर फंसाने की भी आशंका है।

    By D S Sijwali

    Work on Mass Media since 2002 ........

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