कैबिनेट मंत्री प्रेम अग्रवाल के बयानों को लेकर लोक वाहिनी की बैठक में तीव्र आलोचना की गयी:: Cabinet Minister Prem Aggarwal’s statements were severely criticized in the Lok Vahini meeting
अल्मोड़ा कैबिनेट मन्त्री प्रेम अग्रवाल के पर्वतीय समुदाय के प्रति व्यक्त किये विचारों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड लोक वाहिनी की बैठक में इस बयान की तीव्र आलोचना की गई , रेवती बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक का संचालन करते हुए वाहिनी महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने कहा कि उत्तराखण्ड़ राज्य पर्वतीय क्षेत्र के उपेक्षित विकास की निराशाजनक जनभावनाओं की प्रतिक्रिया व शहादत का परिणाम स्वरूप बना किन्तु राज्य सरकार में अभी भी प्रेम चन्द्र अग्रवाल जैसे पर्वतीय विरोधी मन्त्री शामिल है उन्हे अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए गैरसैण को स्थाई राजधानी घोषित करते हुए पहाड़ के विकास को राज्य के केन्द्र मे लाना चाहिये.बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यू सी सी में स्थाई निवास पर प्रदेश में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है.सरकार को यह स्पष्ठ करना चाहिये कि राज्य का स्थाई निवासी बनने की प्रक्रिया क्या है अन्यथा पहाड़ के स्थाई निवासियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा. वक्ताओं ने कहा कि तराई कौमी एकता का गुलदस्ता जरूर है किन्तु अब यह गुलदस्ता जरूरत से ज्यादा भार उठाने में समर्थ नही है. अत: तराई समेत सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में भूमि कानून लागू होना चाहिये, राज्य कैबिनेट ने जो भू कानून पास किया है.ऐसे ही कानून पूर्व भी बनाये गये किन्तु उन्हें हटा कर सरकार ने भू माफियाओं के लिये पहाड की जमीनों को खुली लूट का साधन बना दिया । बैठक में रेवती बिष्ट, पूरन चन्द्र तिवारी , जंगबहादुर थापा, बिशन दत्त जोशी , अजयमित्र बिष्ट , अजय मेहता , दयाकृष्ण काण्ड़पाल , हारिश उद्दीन आदि ने विचार व्यक्त किये ।