Shri Badrinath Dham: वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाटThe doors of Shri Badrinath Dham opened with Vedic chanting and law and law:
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज प्रातः 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली महाभिषेक पूजा कर देश और राज्य की सुख समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर, गणेश मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी सहित सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकुशल चारधाम यात्रा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया गया है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया हरित और स्वच्छ चारधाम यात्रा के लिए राज्य को पूरा सहयोग दें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली श्री संदीप तिवारी से बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर के समीप हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को मास्टर प्लान के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से हेमकुंट साहिब यात्रा की तैयारियों की जानकारी लेते हुए यात्री सुविधाओं को शीघ्र व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गोविंदघाट में अलकनंदा नदी में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी को पुल के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा से पूर्व पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए।
इस दौरान राज्य सभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज,विधायक लखपत बुटोला, बीकेटीसी के नवनियुक्त उपाध्यक्ष विजय कपरवाण व ऋषि प्रसाद सती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।