केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में दुनिया की पहली इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन इन्कोवैक लॉन्च की। इसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने पीएसयू जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान की सहायता से विकसित किया है।
विश्व की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन
कोविड-19 वैक्सीन इन्कोवैक विश्व की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन है यानी इसके लिए कोई इंजेक्शन नहीं लगाया जाएगा। इसमें नाक में बस एक बूंद डाली जाएगी और आप सुरक्षित हो जाएंगे। इन्कोवैक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए दो खुराकों और एक बूस्टर खुराक के रूप में स्वीकृति प्राप्त करना वाला विश्व का पहला इंट्रानेजल कोविड-19 टीका है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और इसके लोक उपक्रम, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाईरैक–BIRAC) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) के साथ मिलकर यह इंट्रानेजल वैक्सीन तैयार की है। इसे दवा नियामक ने इस्तेमाल करने की 23 दिसंबर को मंजूरी दी थी।
लागत प्रभावी वैक्सीन
इन्कोवैक एक लागत प्रभावी कोविड टीका है। उल्लेखनीय है कि इन्कोवैक एक नाक का टीका है यानी इसके लिए कोई इंजेक्शन नहीं लगाया जाएगा। इसमें सीरिंज, सुई, अल्कोहल वाइप्स, बैंडेज आदि की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा खरीदारी, वितरण, भंडारण, और बायोमेडिकल अपशिष्ट निपटान से संबंधित लागतों की बचत करता है, जो इंजेक्टेबल टीकों के लिए नियमित रूप से जरूरी है। यह एक रोगवाहन-आधारित मंच का उपयोग करता है, जिसे कुछ महीनों के भीतर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए उभरते वेरिएंट्स के साथ आसानी से अपडेट किया जा सकता है। लागत प्रभावी और आसान इंट्रानेजल डिलीवरी की क्षमता के साथ मिलकर ये तीव्र प्रतिक्रिया समय सीमाएं इसे भविष्य के संक्रामक रोगों से निपटने के संबंध में एक आदर्श टीका बनाता है। भारत सरकार और राज्य सरकारों और की ओर से बड़ी मात्रा में खरीद के लिए इन्कोवैक की कीमत 325 रुपये प्रति खुराक तय की गई है।
