जिलाधिकारी अंशुल सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा ने आज नशा मुक्ति केंद्र का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं, सुरक्षा प्रबंधन एवं उपचार प्रक्रियाओं की गुणवत्ता का आकलन करना था। जिलाधिकारी ने केंद्र के समस्त कक्षों, मरीज वार्ड, बाथरूमों, किचन क्षेत्र तथा बाहरी परिसर का गहन अवलोकन किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी और एसएसपी ने केंद्र में संचालित कक्षाओं, थेरेपी सेशन्स, योग एवं काउंसलिंग गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने प्रशिक्षकों एवं परामर्शदाताओं से केंद्र में अपनाई जा रही उपचार पद्धति के बारे में विस्तार से चर्चा की और मरीजों के सुधार से जुड़े सुझावों पर भी विचार किया।
नशा मुक्ति केंद्र संचालक संस्था ने बताया कि केंद्र में वर्तमान में 26 मरीज भर्ती हैं। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मरीजों से व्यक्तिगत रूप से संवाद कर उनकी स्थिति एवं उपचार व्यवस्था की जानकारी ली। मरीजों ने अपनी आवश्यकताओं व समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया, जिनके समाधान हेतु जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने केंद्र में हीटिंग व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने, पर्याप्त गर्म कपड़े और कंबलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधितों को दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों के स्वास्थ्य, सुविधा और मनोवैज्ञानिक स्थिरता के लिए एक सुरक्षित व अनुकूल वातावरण अनिवार्य है।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने केंद्र में आउटडोर गतिविधियों, खेल सुविधाओं और मनोरंजक कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों के पुनर्वास प्रक्रिया को मजबूती मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि शारीरिक गतिविधियां और सकारात्मक वातावरण नशामुक्ति कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसलिए इन सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।ऐक्टिववियर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा ने केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था का अवलोकन कर प्रवेश-निकास व्यवस्था, निगरानी प्रणाली तथा परिसर की सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि केंद्र में आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए और सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ रखा जाए ।

