उत्तराखण्ड सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध प्रदेश- राज्यपाल
उत्तराखण्ड का लोक पर्व फूलदेई प्रदेशभर में हर्षाेल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उत्तराखंड विधानसभा भवन में बुधवार को बड़ी संख्या में बच्चों ने एकत्रित होकर फूलदेई पर्व मनाया।
बच्चों ने विधानसभा परिसर में पुष्पवर्षा की। इस अवसर पर भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में पारंपरिक गीत भी बजाए गए। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, डॉ. प्रेम चंद अग्रवाल, विधायक अनिल नौटियाल ने बच्चों से मुलाकात की और उन्हें अपनी लोक संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण कहा, “हमारे त्योहार हमें प्रकृति से जुड़ने और उसके संरक्षण का संदेश देते हैं। हमें अपनी लोक परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना चाहिए।”
राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक, यह लोकपर्व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध प्रदेश है।


इससे पहले सुबह उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी इस अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी।सीएम धामी ने एक ट्वीट में कहा, “लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड के सभी लोगों को हार्दिक बधाई। फूलदेई का त्योहार हमारे बच्चों और युवा पीढ़ी को प्रकृति और उसके संरक्षण के प्रति उनकी जिम्मेदारी से भी अवगत कराता है।”
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय से एक बयान भी जारी किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में मनाया जाने वाला लोक पर्व फूलदेई हमारी संस्कृति को उजागर करता है और पहाड़ी की परंपराओं को भी कायम रखता है।”
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और समृद्धि लाए। उन्होंने कहा कि किसी राज्य की संस्कृति और परंपराओं की पहचान कराने में लोक पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
फूलदेई उत्तराखंड का लोक पर्व है। यह मार्च अप्रैल में फूलों के मौसम में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों में मनाया जाता है।
