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    अल्मोड़ा के श्मशान घाटों में लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर बिफरे पूर्व दर्जामंत्री कर्नाटक

    वन निगम के महाप्रबंधक को लिखा पत्र


    अल्मोड़ा-श्मशान घाटों में दाह संस्कार हेतु लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए वन निगम के महाप्रबंधक को इस आशय से पत्र प्रेषित किया है।

    कर्नाटक ने कहा कि हिन्दू धर्म में मृत व्यक्ति के दाह संस्कार हेतु लकड़ी की आवश्यकता होती है जिसे भी वन निगम पूरा करने में असमर्थ प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक मृत शरीर के दहन के लिए लगभग सात कुन्तल लकड़ी की आवश्यकता होती है। लेकिन श्मशान घाटों के टालों में लकड़ी के नाम पर छोटी और पतली टहनियां है जिससे दाह संस्कार के लिए गये लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य श्मशान घाट विश्वनाथ सहित अल्मोड़ा के सभी श्मशान घाटों का यही हाल है।

    कर्नाटक ने कहा कि प्रदेश सरकार को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए और वन निगम को कड़ाई से निर्देशित कर श्मशान घाटों में लकड़ी की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरने के बाद भी व्यक्ति के अन्तिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों में लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था न होना बेहद शर्मनाक है।वन निगम और प्रदेश सरकार इसका तुरन्त संज्ञान लें। उन्होंने कहा कि यदि पन्द्रह दिन के भीतर श्मशान घाटों में लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था वन निगम द्वारा नहीं की गयी तो वे वन निगम के कार्यालय में उग्र आन्दोलन को बाध्य होंगे।साथ ही श्री कर्नाटक ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि मरने के बाद मृत देह के दहन के लिए श्मशान घाटों में लकड़ी की पर्याप्त उपलब्धता न होना अपने आप में शर्मनाक वाकया है।

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