पहाड़ी संस्कृति और हमारे पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय समय पर कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे हैं- कर्नाटक
अल्मोड़ा। कल गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेसी नेता हरीश रावत अपने गांव मोहनरी में काफल पार्टी का आयोजन कर रहे हैं।इस काफल पार्टी के लिए पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक लमगड़ा विकासखंड के बेहद रसीले दो क्विंटल काफल लेकर कल मोहनरी पहुंचेंगे।आज कर्नाटक घर पर ही सिलबट्टे का पिसा कई तरह का पहाड़ी नूड़ (नमक) तैयार करवा रहे है। कर्नाटक ने बताया कि पहाड़ी संस्कृति और हमारे पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय समय पर कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे हैं। यह कार्यक्रम उत्तराखंड के अलावा चंडीगढ़,दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी आयोजित होते रहे हैं।हरीश रावत के द्वारा बड़े स्तर पर आयोजित की गई काफल पार्टी, ककड़ी पार्टी,नीबू पार्टी से सभी वाकिफ हैं। कर्नाटक पूर्व मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में उनकी हमेशा से ही सम्पूर्ण भागीदारी रहती है।कल होने वाली काफल पार्टी के लिए भी श्री कर्नाटक लमगड़ा विकास खंड से बेहद रसीले काफल एकत्रित करवाने स्वयं गए हैं।इसके अलावा काफल की जान माने जाने वाले सिलबट्टे पर पिसे पहाड़ी नूड़( नमक) को वे जानकार स्थानीय महिलाओं के द्वारा घर पर ही तैयार करवा रहे हैं।
झिंगुरे की खीर,भट्ट के डुबकों,पहाड़ी ककड़ी के रायते,मडुवे को आज हरीश रावत ने उत्तराखंड ही नही अपितु अन्य राज्यों में भी इतना प्रसिद्ध किया
कर्नाटक ने कहा कि हरीश रावत एक ऐसे इकलौते नेता है जो हमारे पहाड़ी उत्पादों को लगातार विश्व पटल पर लाने का प्रयास कर रहे है।हरीश रावत के ही इस प्रयास का असर है कि आज अन्य बड़े नेता भी उनका अनुसरण कर पहाड़ी उत्पादों का प्रचार कर रहे है। कर्नाटक ने कहा कि झिंगुरे की खीर,भट्ट के डुबकों,पहाड़ी ककड़ी के रायते,मडुवे को आज हरीश रावत ने उत्तराखंड ही नही अपितु चंडीगढ़,दिल्ली,पंजाब, हिमांचल में भी इतना प्रसिद्ध कर दिया है कि झिंगूरे और मडूवे की डिमांड पूरे देश सहित विश्व में भी बड़ चुकी है।उन्होंने बताया कि कई बार श्री रावत के द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए काफल पार्टी,नींबू पार्टी,आडू पार्टी,खुमानी पार्टी,आम पार्टी और पर्वतीय व्यंजन जिसमें झुंगरे की खीर, मडूवे कि रोटी,भट्ट की चूडकानी, पालक का कापा,मूली की टपकी शामिल है।
प्रवासीय लोगो के लिए लगातार आयोजित की जाती रही है।लगातार ऐसे आयोजन दिल्ली में फिरोज शाह रोड में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह माहरा के आवास में, चंडीगढ़ भवन में,देहरादून, रुड़की, हरिद्वार,रुद्रपुर,हल्द्वानी सहित कई शहरों में होते रहते हैं।श्री कर्नाटक ने कहा कि इसके बाद इस तरह के पहाड़ी उत्पादों की पार्टी का आयोजन मुंबई में भी किया जाएगा।उन्होंने आगे बताया कि शीघ्र ही उनके कैंप कार्यालय कर्नाटक खोला अल्मोड़ा में भी वृहद काफल पार्टी का आयोजन किया जाएगा।