अल्मोड़ा। शुक्रवार को उदय शंकर नृत्य एवं संगीत, अकादमी, फलसीमा अल्मोड़ा के मुख्य प्रेक्षागृह में नृत्य सम्राट पं. उदय शंकर के जन्म दिवस 08 दिसम्बर के शुभ अवसर पर एक जयन्ती समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया और उन्हें स्मरण करके भावभीनी श्रद्धांजली प्रदान की गयी।
अकादमी से जुड़ी ममता जीना ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि पंडित उदय शंकर (8 दिसंबर 1900 – 26 सितंबर 1977) का सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से विशेष जुड़ाव रहा है, यह उदय शंकर का इस पर्वतीय क्षेत्र के प्रति प्रेम ही था कि गुरुदत्त और जोहरा सहगल जैसे लोगों ने कुमाऊं में समय बिताया और उनसे नृत्य सीखा। शंकर भारत में आधुनिक नृत्य के प्रणेता और एक विश्व प्रसिद्ध नर्तक और कोरियोग्राफर थे, जो कुमाऊँ के प्रति गहरी प्रशंसा रखते थे और उन्होंने 1938 में अल्मोडा के पास सिमतोला में अपना सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया था। इसे “उदय शंकर इंडिया कल्चरल सेंटर” कहा जाता था। ” उनकी विरासत को आज भी उत्तराखंड में, विशेषकर कुमाऊं में, संजोया जाता है।

अकादमी से जुड़े पूर्व सभासद, नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं रंगकर्मी युसूफ तिवारी ‘डब्बू’ ने बताया कि अकादमी में लगभग पिछले 7 वर्षों से 08 दिसम्बर को शासन, प्रशासन एवं स्थानीय सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा नृत्य सम्राट पं. उदय शंकर की जयन्ती पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है।
नगर की सांस्कृतिक संस्था दिशा, विहान, जामिर बिघेटर डी-शैडो आदि के रंगकर्मी मन मोहन चौधरी के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों से इस अवसर पर नाटक, गीत एवं नृत्य की प्रस्तुतियाँ कर रहे हैं।
छायाकारों की संस्था उदय शंकर फोटोग्राफी अकादमी, अल्मोड़ा, स्लाइड शो एवं फोटो प्रदर्शन का आयोजन करती आयी है इस अवसर पर अकादमी के हरेन्द्र सिंह नेगी, रवि अधिकारी, सूरज सिराड़ी, हेम सिंह नेगी ‘हेम”,” कु. याफि तिवारी, सुन्दरलाल , ममता जीना, युसुफ तिवाड़ी सहित फलसीमा गाँव के निवासी एवं स्थानीय रंगकर्मी उपस्थित थे, अंत में रंगकर्मी युसूफ तिवारी से सभी का आभार व्यक्त किया।
