
रेनू नेगी आशा फैसिलिटेटर प्रदेश महासंघ की प्रदेश महामंत्री ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण शासन देहरादून को ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने आशा फैसिलिटेटरो की समस्याओं के बारे में अवगत कराया।
उन्होंने बताया उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सन् 2005 से आशा कार्यकर्ताओं को उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग में एक साहियका की तौर पर नियुक्त किया गया। धीरे धीरे स्वास्थ्य विभाग में कामकाज ज्यदा होने पर , स्वास्थ्य विभाग ने इन्हीं आशा कार्यकर्ताओं में से सन 2010मे आशा कार्यकर्ताओं के ऊपर आशा फैसिलिटेटरो की नियुक्ति की।
उत्तराखंड राज्य में वर्तमान समय में 12018 आशा कार्यकर्ता कार्यरत है।इन 12018आशा कार्यकताओं के ऊपर पूरे उत्तराखंड में 606आशा फैसिलिटेटर नियुक्त किए हैं।एक आशा फैसिलेटर के अधीन 25से 30आशाए काम करती है ।इन आशा कार्यकर्ताओं के द्धारा किए गए कार्य की पुष्टि के लिए एक आशा फैसिलेटर को 25से 30आशाओ के पास जाना पड़ता है। कुछ जिले हैं ऐसे हैं जहां पर एक आशा फैसिलेटर के अधीन 35 से 40आशाए कार्यरत हैं।
लंबे समय से उत्तराखंड की आशा कार्यकर्ताओं के साथ आशा फैसिलिटेटर भी अपनी जटिल समस्यायों के लिए शासन प्रशासन से लड़ रही है। आज उत्तराखंड सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को राज्य प्रोत्साहन राशि में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करके शासनादेश जारी किया। लेकिन आशा फैसिलिटेटरो को छोड दिया। उत्तराखंड सरकार व उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को दस प्रतिशत राज्य प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की तो उन्हीं आशा कार्यकर्ताओं से जुडी हुई आशा फैसिलेटर भी उनको भी दस प्रतिशत राज्य प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी करनी चाहिए थी।
आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर एक ही पहलू है जिनके लिए स्वास्थ्य विभाग व उतराखड सरकार ने गलत सोचा। आशा फैसिलिटेटरो को भी आशा कार्यकर्ताओं की तरह दस प्रतिशत राज्य प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी करके शासनादेश जारी किया जाय।
उत्तराखंड आशा फैसिलिटेटर महासंघ की प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने 22 (22/06/23) तारीख को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण देहरादून शासन से दस प्रतिशत राज्य प्रोत्साहन राशि के बढोतरी व 20 दिन की मौबोलिटी की जगह पर 30 दिन की स्थाई डियूटी व 24 हजार रुपए तनख्वाह की मांग के साथ उतराखड के दुग्रम क्षेत्रों में भ्रमण के लिए उचित भत्ते की मांग की।


