• Tue. Oct 21st, 2025

    उत्तराखंड: काले गेंहू की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू, सामान्य गेहूं की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा आयरन

    Byswati tewari

    Oct 24, 2023 #Black wheet

    काला गेहूं एक प्राचीन अनाज है जिसकी खेती हजारों वर्षों से की जा रही है और हाल के वर्षों में इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण इसने लोकप्रियता हासिल की है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, खनिज, जिंक, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, अमीनो एसिड, कॉपर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है।


    उत्तरकाशी जिले में काले गेहूं की खेती करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। सामान्य गेहूं की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक कीमत वाले काले गेहूं के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने डुण्डा ब्लॉक के गेंवला गांव में काले गेहूं की खेती से जुड़ने के लिए किसानों को प्रेरित किया और काले गेहूं के बीज वितरित किए। जिले में लाल धान को गंगा घाटी तक विस्तारित करने की कामयाब पहल से प्रभावित किसानों ने नई मुहिम को लेकर काफी उत्साह दिखाया है। काले गेहूं के बीज आगामी नवंबर महीने में खेतों में बोए जाएंगे। गौरतबल है कि काले गेंहूं की खेती का चलन देश के कुछ चुनिंदा हिस्सों में शुरू हुआ है।

    शोध में यह भी पाया गया कि काला गेहूं, जिसमें एंथोसायनिन पिगमेंट होता है, हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। सामान्य गेहूं में, वर्णक आमतौर पर केवल 5 पीपीएम होता है लेकिन काले गेहूं में यह लगभग 100-200 पीपीएम होता है। एंथोसायनिन पिगमेंट के अलावा, काले गेहूं में जिंक और आयरन के विभिन्न स्तर भी होते हैं। इसमें सामान्य गेहूं की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा आयरन होता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेहूं का रंग काला होने के बावजूद इससे बनी रोटी बेहद स्वादिष्ट होती है।

    इस फसल में कई पोषण लाभ होने के अलावा, सामान्य गेहूं की तुलना में इसकी बाजार में अधिक कीमत मिलती है और किसानों को प्रति एकड़ अधिक उपज भी मिलती है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *