उत्तराखंड में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर डॉ. वसुधा पंत ने उच्च शिक्षा मंत्री रावत को सौंपा ज्ञापन Dr. Vasudha Pant submitted a memorandum to Higher Education Minister Rawat to demand the establishment of National Law University in Uttarakhand
अल्मोड़ा, उत्तराखंड | 10 जून 2025 उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े एक लंबे समय से लंबित वादे को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, डॉ. वसुधा पंत, प्रख्यात शिक्षाविद् और विधिक सुधारों की पक्षधर, ने आज माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत को अल्मोड़ा में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि संकाय को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU) का दर्जा देने की पुरज़ोर मांग की।
इससे पूर्व 26 नवम्बर संविधान दिवस के अवसर पर डॉ पन्त ने इस सम्बन्ध में मुख्य मंत्री को भेजे जाने के लिए जिलाधिकारी अल्मोड़ा को भी ज्ञापन सौंपा था|
यह मांग इस दृष्टिकोण से और अधिक प्रासंगिक है कि वर्ष 2011 में ‘राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय उत्तराखंड अधिनियम’ पारित हो चुका है, किंतु 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य में आज तक कोई भी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अस्तित्व में नहीं आ पाया है। उत्तराखंड देश के उन कुछ राज्यों में शामिल है जहाँ विधिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने हेतु अब तक एनएलयू की स्थापना नहीं हो सकी है, जबकि इसकी आवश्यकता और मांग दोनों लगातार बढ़ रही हैं।
इस अवसर पर डॉ. पंत ने कहा, “यह आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि उत्तराखंड जैसे राज्य, जिसकी शैक्षिक क्षमता और युवा जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, वहाँ अब तक एक भी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय कार्यान्वित नहीं हो पाया है, जबकि इसके लिए अधिनियम भी पारित हो चुका है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का विधि संकाय इस दिशा में आदर्श केंद्र बन सकता है।”
ज्ञापन में यह प्रमुख सुझाव दिए गए हैं कि यदि इस संकाय को एनएलयू का दर्जा प्रदान किया जाए तो:
• वर्ष 2011 में पारित अधिनियम को आखिरकार क्रियान्वयन मिलेगा और सरकार की पुरानी प्रतिबद्धता पूरी होगी
• राज्य में विधिक शिक्षा और अनुसंधान के स्तर में व्यापक सुधार आएगा
• छात्रों को गुणवत्तापूर्ण विधिक शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा
• उत्तराखंड की शैक्षिक और न्यायिक प्रतिष्ठा राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी
माननीय मंत्री श्री धन सिंह रावत ने ज्ञापन प्राप्त कर इस पहल की सराहना की और आश्वस्त किया कि इस मामले को राज्य की शैक्षिक प्राथमिकताओं के अनुरूप गंभीरता से विचार में लिया जाएगा। इस प्रस्ताव का शैक्षिक और विधिक समुदाय में उत्साह के साथ स्वागत किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक दीर्घकालीन नीति-गत शून्यता को भरने का अवसर है और उत्तराखंड के विद्यार्थियों को अपने ही राज्य में उत्कृष्ट विधिक शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हो सकता है।