उत्तराखंड के लिए अच्छी ख़बर है। पंचकेदारों में से तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने राष्ट्रीय स्मारक को लेकर आपत्तियां मांगी है।दो माह के भीतर आने वाली आपत्तियों के निस्तारण के बाद इस संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने एएसआइ को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। यहां से प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया और केंद्र सरकार (संस्कृति मंत्रालय) के निर्देश पर अधीक्षण पुरातत्वविद डा. आरके पटेल ने वर्ष 2018 में ही मंदिर का निरीक्षण किया।
रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। तुंगनाथ मंदिर 12800 फीट की ऊंचाई पर स्थापित है। लंबे समय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की कवायद चल रही है। पुरातत्व विभाग के प्रभारी अधिकारी देवराज सिंह रौतेला ने बताया कि प्राचीन मंदिर तुंगनाथ को राष्ट्रीय महत्व स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने 27 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी की है।
प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व को घोषित करने पर यदि कोई आपत्ति या सुझाव हो तो इस अधिसूचना जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली को आपत्तियां भेज सकते हैं। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से तुंगनाथ मंदिर की दूरी 70 किमी है। चोपता से चार किमी पैदल चढ़ाई तक मंदिर में पहुंचते हैं।

