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    आसमान से भारत रखेगा नजर, 18 मई को लॉन्च होगा नया निगरानी उपग्रह

    आसमान से भारत रखेगा नजर, 18 मई को लॉन्च होगा नया निगरानी उपग्रह India will keep an eye on the sky, new monitoring satellite will be launched on May 18

    ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 10 उपग्रह लगातार काम कर रहे हैं। खासतौर पर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए ये उपग्रह सीमा और संवेदनशील इलाकों की निगरानी में लगे हैं। उन्होंने अगरतला में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि आज के दौर में उपग्रह और ड्रोन तकनीक देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि भारत के पास 7,000 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा है और ऐसे बड़े इलाकों की निगरानी के लिए हमें आधुनिक अंतरिक्ष तकनीक पर निर्भर रहना होगा।

    18 मई को लॉन्च होगा नया निगरानी उपग्रह

    ISRO 18 मई को EOS-09 (RISAT-1B) रडार इमेजिंग उपग्रह को सूर्य-संवेदनशील कक्षा में लॉन्च करने जा रहा है। यह उपग्रह खासतौर पर सीमा सुरक्षा में मदद करेगा और दुश्मन की हरकतों पर नज़र रखने में भारत की ताकत को और मजबूत बनाएगा।

    उत्तर-पूर्वी भारत में विकास के लिए भी उपग्रहों का बड़ा योगदान

    नारायणन ने यह भी कहा कि उन्नत उपग्रह प्रौद्योगिकी देश के समग्र विकास में मदद कर रही है, खासतौर पर उत्तर-पूर्वी राज्यों में। इन उपग्रहों की मदद से कई क्षेत्रीय विकास योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

    उन्होंने कहा कि जब भारत आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी समेत कई क्षेत्रों में वैश्विक नेता के रूप में उभरेगा।

    अब तक 127 उपग्रह लॉन्च कर चुका है भारत

    अब तक ISRO कुल 127 उपग्रह लॉन्च कर चुका है। इनमें निजी कंपनियों और शिक्षण संस्थानों के उपग्रह भी शामिल हैं। इनमें से 22 उपग्रह निम्न पृथ्वी कक्षा में हैं, जबकि 29 उपग्रह भू-समकालिक कक्षा में कार्यरत हैं। दर्जनों उपग्रह जैसे कार्टोसेट, RISAT, EMISAT और माइक्रोसेट, भारत की निगरानी और रक्षा के लिए समर्पित हैं।

    IN-SPACe की नई योजना: 5 साल में 52 नए उपग्रह

    भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और अनुमोदन केंद्र यानी IN-SPACe ने अगले पांच वर्षों में 52 उपग्रह लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह जानकारी पवन कुमार गोयनका ने ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कॉन्फ्रेंस 2025 में दी। इस परियोजना का मकसद भारत की अंतरिक्ष निगरानी क्षमता को और मजबूत करना है।

    उन्होंने कहा कि भारत के पास पहले से अच्छी क्षमताएं हैं, लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इनका लगातार विस्तार जरूरी है। इस योजना में ISRO के साथ-साथ निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा।

    सेना के लिए भी होंगे खास ये उपग्रह

    इन नए उपग्रहों का लाभ भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना को भी मिलेगा। ये दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने, सीमाओं की निगरानी करने और सैन्य अभियानों में बेहतर तालमेल बनाने में मदद करेंगे। इस नेटवर्क के साथ भारत की रणनीतिक अंतरिक्ष क्षमता एक नई ऊंचाई तक पहुंचेगी।

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