तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के कारण 1700 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है। तीन बड़े भूकंप – 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के भूकंप ने आज तुर्की में 1,700 से अधिक लोगों की जान ले ली और हजारों को घायल कर दिया ।पहले भूकंप का केंद्र सीरिया की सीमा के गाजियांटेप प्रांत में नूरदगी के पास था। दूसरा भूकंप पास के कहारनमारास प्रांत में एकिनोजु के निकट था; और तीसरा उसी प्रांत में गोकसुन के पास। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे ‘यूएसजीएस’ के अनुसार, भूकंप का पहला झटका सीरियाई सीमा के क़रीब गाज़िएनटेप में कहमानमारश के पास महसूस किया गया।यूएसजीएस के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता 7.8 दर्ज की गयी है। इसके कुछ मिनट बाद भूकंप का दूसरा झटका मध्य तुर्की में महसूस किया गया। इस भूकंप के झटके तुर्की की राजधानी अंकारा समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, फ़िलिस्तीन देशों में भी महसूस किए गए हैं। तुर्की के पजारसिक जिले में पहली भूकंप के सिर्फ नौ घंटे बाद 912 लोगों की मौत के बाद सोमवार को तुर्की में 7.5 की तीव्रता के साथ दूसरा शक्तिशाली भूकंप आया, जबकि 5,383 लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया
उपराष्ट्रपति फुजत ओकटे ने एक समाचार सम्मेलन में कहा कि एदोंगन भूकंप के क्षण से ही अपडेट ले रहे हैं और राहत प्रयासों की समीक्षा कर रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के नेताओं ने सोमवार को तुर्की और सीरिया
में आए भीषण भूकंप से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया। “तुर्की में भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान से दुखी हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इससे निपटने के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।” पीएम मोदी ने ट्वीट किया।
2020 जनवरी में यहां के एलाज़िग में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें क़रीब 40 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसी साल अक्तूबर में एजियन सागर में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 114 लोगों की मौत हुई और हज़ार से अधिक लोग घायल हुए। 1999 में दूजा में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था, इसमें 17 हज़ार से अधिक लोग मारे गए थे जिसमें से एक हज़ार लोग केवल इस्तांबुल में मारे गए थे।
