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    मुगल गार्डन को अब कहा जाएगा  ‘अमृत उद्यान’ , मुगल गार्डन के नाम वाला बोर्ड बुलडोजर से हटाया गया

    दिल्ली: मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ किया गया। मुग़ल गार्डन का नाम बदले जाने के फैसले के बाद एनडीएमसी के कर्मचारियों ने ‘मुग़ल गार्डन’ का बोर्ड हटाने के लिए बुलडोजर से पहुंचे। मुगल गार्डन का नाम बदल कर वहां अमृत उद्यान नाम वाला बोर्ड लगा दिया गया। इतना ही नहीं, मुग़ल गार्डन के अंदर लगे बोर्ड पर लिखे नाम को भी बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है।

    राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय सिंह ने बताया, “राष्ट्रपति जी ने निर्णय लिया है कि यहां(राष्ट्रपति भवन) जो गार्डन हैं, उनकी पहचान अब अमृत उद्यान के रूप में होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने कहा, “आजादी के अमृत महोत्सव के 75 साल पूरे होने के समारोह के अवसर पर, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रपति भवन उद्यान को अमृत उद्यान के रूप में एक सामान्य नाम देकर प्रसन्न हैं।”
    अमृत उद्यान को 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खोला जाएगा।यह 26 मार्च तक खुला रहेगा।प्रत्येक वर्ष वसंत के दौरान सीमित अवधि के लिए उद्यानों को जनता के लिए खोल दिया जाता है। 

    मुगल गार्डन
    मुगल गार्डन अपनी सुंदरता के लिए काफी चर्चित है। इसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।एडविन लुटियन द्वारा डिज़ाइन किया गया – प्रतिष्ठित उद्यान 15-एकड़ में फैला हुआ है और इसमें मुगल और अंग्रेजी भूनिर्माण शैली दोनों शामिल हैं। मुख्य उद्यान में दो चैनल हैं जो समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं, बगीचे को वर्गों के ग्रिड में विभाजित करते हैं- एक चारबाग (चार कोनों वाला बगीचा) – मुगल भूनिर्माण की एक विशिष्ट विशेषता। इन नहरों के चौराहे पर 12 फीट की ऊंचाई तक छह कमल के आकार के फव्वारे हैं। उद्यान में डहलिया की लगभग 2500 किस्में और गुलाब की 120 किस्में हैं।  पूर्व राष्ट्रपतियों डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के कार्यकाल के दौरान और अधिक उद्यान विकसित किए गए जिनमें दो हर्बल उद्यान, एक स्पर्श उद्यान और एक बोन्साई उद्यान शामिल हैं। 
    इससे पहले दिल्ली में स्थित कई मुगल शासकों के नाम पर बनी सड़कों का भी नाम बदला गया है। इसी कड़ी में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम  रोड किया गया था।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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