दहशतगर्द तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद:: nainital news Terrible leopard finally captured in forest department’s cage
Nainital News: जनपद नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में दहशत का कारण बना तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। तेंदुए को काठगोदाम रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है। तेंदुआ पकड़े जाने के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।भीमताल रेंज अंतर्गत नौकुचियाताल के सिलौटी गांव में बीते दिन पिंजरे में एक तेंदुआ फंस गया। माना जा रहा है कि यह वही तेंदुआ हो सकता है जिसने 25 नवंबर को 50 वर्षीय लीला देवी पर हमला कर उनकी जान ले ली थी। हालांकि, वन विभाग ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।घटना के बाद से ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई थी। 30 सदस्यीय टीम ने जंगल में तेंदुए की तलाश की और घटनास्थल पर पिंजरे और 20 कैमरा ट्रैप लगाए गए। साथ ही घटनास्थल से खून और बाल के नमूने एकत्र कर जांच के लिए देहरादून स्थित वन्यजीव संस्थान भेजे गए।वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने जानकारी दी कि पिंजरे में कैद तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पकड़ा गया तेंदुआ वही है जिसने महिला पर हमला किया था। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में और भी तेंदुए मौजूद हो सकते हैं।
इधर तेंदुआ पकड़े जाने के बावजूद क्षेत्र में दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में और तेंदुओं की मौजूदगी की जांच के लिए अभियान तेज करने की मांग की है। वन विभाग अब नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है ताकि तेंदुए की पहचान सुनिश्चित हो सके।
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गुलदार के दो शावकों की मौत से वन विभाग में हड़कंप
नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित एक रिहायशी इलाके में गुलदार के दो शावकों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों शावकों की मौत का कारण ठंड और भूख बताया जा रहा है। घटना ने स्थानीय लोगों को भी डरा दिया है, जिन्हें आशंका है कि कहीं गुलदार आसपास न हो।जानकारी के अनुसार बीते दिन सोमवार को रामपुर रोड पर एक निजी स्कूल के पास खाली प्लॉट में गुलदार के दो शावकों को लोगों ने देखा। स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गुलदार का इंतजार करते हुए शावकों की निगरानी शुरू की। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उनकी मां शावकों के पास नहीं आई। इधर वन विभाग ने शावकों का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें ठंड और भूख को मौत का कारण बताया गया। इसके बाद शावकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
