• Mon. Dec 1st, 2025

    राष्ट्रीय अभियंता दिवस 2023: नवाचार और स्थिरता का जश्न

    Byswati tewari

    Sep 15, 2023

    सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में भारत में 15 सितंबर को राष्ट्रीय अभियंता दिवस मनाया जाता है। विश्वेश्वरैया एक भारतीय इंजीनियर, विद्वान और राजनेता थे जिन्होंने विभिन्न इंजीनियरिंग क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह मैसूर में कृष्ण राजा सागर बांध के वास्तुकार थे, और उनके गेट डिजाइन को इस बांध में सफलतापूर्वक लागू किया गया था। उन्होंने विशाखापत्तनम बंदरगाह के लिए बाढ़ सुरक्षा प्रणाली भी डिजाइन की।

    राष्ट्रीय अभियंता दिवस को विश्वेश्वरैया जयंती के नाम से भी जाना जाता है। भारत में यह पहली बार 15 सितंबर 1968 को मनाया गया था। यह दिन इंजीनियरों को समाज को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मानित करता है और नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत के विकास में उनके योगदान को मान्यता देता है।

    इनके पिताजी एक संस्कृत के विद्वान व आयुर्वेदिक चिकित्सक थे इनकी माता बेकचाम्मा एक धार्मिक महिला थी बताया जाता है।15साल के उम्र इनके पिताजी का देहांत हो गया। इन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई चिकबल्लारपुर में की। विश्वेश्वरैया ने आगे की पढ़ाई के लिए बंगलौर चले गए ,1881मे मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कालेज बंगलौर से बीए पास किया।मैसूर सरकार से उन्हें सहायता मिली पूना सांइस कालेज में इंजिनियरिंग के लिए दाखिला लिया।1983मे इंजिनियरिंग पास में प्रथम स्थान आया।

    इंजिनियरिंग की परीक्षा पास करने के बाद को बांबे सरकार से नौकरी का आफर आया । उन्हें नासिक में असिस्टेंट इंजीनियर के तौर पर काम मिला असिस्टेंट इंजीनियर के टाइम पर उन्होंने बहुत ही अद्भुत काम किये। सिंधु नदी से पानी की सप्लाई सुककुर गांव तक कराई इधर नई सिंचाई प्रणाली ब्लाक सिस्टम से शुरू किया । इन्होंने बांध में इस्पात के दरवाजे लगवाए ताकि पानी का बहाव आसानी से रोका जाय। पूणे के खड़कवासला में बांध बनाया इसके दरवाजे ऐसे बनाएं गए थे जो पानी के बहाव की मार झेल सके। काबेरी नदी पर बना क्रष्णा राजा सागरा को विश्वेश्वरैया ने अपनी रेख देख में बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा जलाशय माना जाता है।

    हैदराबाद सीटी बनाने का श्रेय विश्वेश्वरैया जी को ही दिया जाता है। 1906-7में भारत सरकार ने बिश्रेश्ररैया को जल आपूर्ति व जल निकासी की पढ़ाई के लिए अदेन भेजा उनके द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट को अदेन में सफलतापूर्वक कार्यविन्त किया गया। उन्होंने सिंचाई प्रणाली व बांध के अलावा यूनिवर्सिटी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों की भी स्थापना की ।

    सन 1955मे उन्हें सर्वोच्च भारत रत्न से सम्मानित किया गया।1968मेभारत सरकार के द्वारा हर साल पंद्रह सितंबर को इंजिनियरिंग डे मनाने के लिए ऐलान किया गया तब से हर साल भारत वर्ष में पंद्रह सितंबर को इंजिनियरिंग डे (अभियंता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत के पहला इंजिनियर माना जाता है। कुछ कुछ लोग तो इन्हें आधुनिक भारत के विश्वकर्मा की तरह भी मानते हैं।

    Kalpatru project international Ltd company के अंतर्गत कार्यरत civil फॉरमें प्रताप सिंह नेगी ने आधुनिक भारत के महान् भारतरत्न को 163वे जन्म दिन व अभियंता दिवस के उपलक्ष्य में भारत के महान् भारतरत्न विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देते हुए शत-शत नमन किया। कहा सभी कनशक्शन्स कंपनियों के इंजिनियरों व सुपरवाइजरों व मजदूरों को इनके आदर्शो का सम्मान करके आगे बढ़ना चाहिए।

    प्रताप सिंह नेगी 

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *