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    ओडिशा के नुआपाड़ा जिले से एक हैरान करने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां कुछ लोगों ने जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए लगाए गए जाल में फंसे एक तेंदुए को मार डाला और फिर उसका मांस पकाकर खा लिया।इस घटना ने न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इसने मानवता को भी शर्मसार कर दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से।आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामदगी वन विभाग को इस घटना की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद वन अधिकारियों ने आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारा। इस छापे में तेंदुए की खाल, सिर और पकाया हुआ मांस बरामद किया गया। हालांकि, इस घटना में दो अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए हैं।

    जांच जारी, फरार आरोपियों की तलाश खरियार फॉरेस्ट डिवीजन के सहायक वन संरक्षक एम.डी मुस्तफा सालेहा ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है और गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। साथ ही फरार आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।

    पूरा मामला क्या है? नुआपाड़ा जिले के देवधरा गांव के पास जंगल में जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए जाल लगाए गए थे। इस जाल में 16 नवंबर को एक तेंदुआ फंस गया। तेंदुआ फंसने के बाद, आरोपियों ने उसे मारकर उसकी खाल उतारी और फिर उसका मांस पकाकर खा लिया। इस शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के नाम हैं पुस्तम चिंदा (58) और हृषिकेश चिंदा (40)।

    बल्कि इससे पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ सकता है।

    वन विभाग की अपील वन विभाग ने इस घटना के बाद स्थानीय समुदायों से अपील की है कि वे वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करें और ऐसी घटनाओं के बारे में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। तेंदुआ जैसी विलुप्त होने वाली प्रजातियों का शिकार न केवल जीव-जंतुओं के अस्तित्व के लिए खतरे का कारण बनता है, बल्कि इससे पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ सकता है।

    तेंदुआ शिकार की गंभीरता तेंदुए जैसे जंगली जानवरों का शिकार करना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण भी बनता है। तेंदुए भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजातियों में शामिल हैं। इस प्रकार की घटनाएं न केवल वन्यजीवों के संरक्षण पर संकट लाती हैं, बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह होती हैं।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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