उत्तराखंड के जंगलों में प्राकृतिक वनस्पति के तौर पर लिगुंडा जंगली सब्जी है। यह अधिकतर बरसात के मौसम में उगती है।
ये लिंगुडा सब्जी नमी व ठंडे जगहों के गाड़ गधेरों में उगनी वाली सब्जी है।जून के महीने से अगस्त तक हर नमी व ठंडे गाड़ गधेरों में लिगुडा सब्जी उगती है।
उत्तराखंड के साथ-साथ ठंडे व नमी वाले क्षेत्रों व राज्यों में भी उगती है, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, दार्जिलिंग नेपाल आदि ठंडे व नमी वाले गाड़ गधेरों में लिगुडा सब्जी जून से अगस्त तक मिलती है। उत्तराखंड में इसे लिगुंडा कहते हैं , हिमाचल में लिंगरी, सिक्किम में में निगुरु, दार्जिलिंग में पलोई, नेपाल में ल्यूंडो आदि नाम से जाना जाता है।ये प्राकृतिक बनस्पति के तौर पूर्वजों के समय से जून से अगस्त तक भरपूर स्वाद के लिए खाया जाता है। छास व दही डालकर इस लिगुडे की सब्जी में और सवाद आता है की राज्यों में इस लिगुडे का आचार भी बनाया जाता है।
प्रताप सिंह नेगी ने बताया लिगुडे सब्जी से बिटामिन व अन्य पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जैसे आयरन, कैल्शियम, मिनिरल्स साथ ही यह ब्लैड प्रेसर को कंट्रोल करता है। गौर करने वाली बात फैट बिल्कुल नही होता हैं। इन्ही सभी गुणों से मिलकर यह एक सुपरफूड बन जाता है।
कई गुणों से भरपूर प्राकृतिक सब्जी की मांग स्थानीय लोगों के साथ साथ बाजार में भी हैं।
