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    जोशीमठ भूमि धंसाव में बेघर हुए परिवार अब 30 अप्रैल तक होटलों या अस्थायी शिविरों में रह सकते है

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    उत्तराखंड सरकार ने रविवार को कहा कि जोशीमठ में भूमि धंसने की घटनाओं के बाद बेघर हुए परिवारों को 30 अप्रैल तक होटलों या अस्थायी शिविरों से खाली करने के लिए नहीं कहा जाएगा।

    मामले पर जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर विचार करते हुए समय सीमा 31 मार्च से 30 अप्रैल तक इसके अलावा जिन होटलों, लॉज या होमस्टे में परिवार रह रहे हैं, वहां भुगतान का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं, वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न होटलों, धर्मशालाओं व होमस्टे में 181 परिवारों के 694 सदस्य रह रहे हैं।
    इसके बाद जिला प्रशासन ने कहा कि उसने समय सीमा बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।

    इससे पहले शुक्रवार को होटल मालिकों ने अल्टीमेटम जारी कर होटलों में प्रभावित लोगों को 31 मार्च तक कमरे खाली करने को कहा था।

    इससे पहले 28 जनवरी को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने जानकारी दी थी कि दरार वाले भवनों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है और आपदा के कारण अब तक 863 भवनों में दरारें देखी गई हैं।

    जोशीमठ में कई घरों में दरारें दिखाई देने के बाद सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे धंसने का संकेत मिला।

    उत्तराखंड सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए करोड़ों रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है।

    जनवरी में, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमालयी राज्य में क्रमिक भूमि धंसाव से प्रभावित लगभग 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया गया है।

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