• Mon. Dec 1st, 2025

    राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित, पक्ष-विपक्ष से आ रही विभिन्न प्रतिक्रिया

    कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

    महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित निचले सदन की एक अधिसूचना में कहा गया है कि गांधी को उनकी सजा की तारीख से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।


    केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले बोले ,स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं। सूरत ज़िला अदालत के फैसले के बाद ये निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है।
    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ये किसी समाज के संबंध में नहीं है जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है।
    केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने कहा, हमारे देश में कानून का राज चलता है, ये कोर्ट का फैसला है। इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
    केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा पिछले 15-20 साल में कांग्रेस ने लगातार OBC की छवि खराब करने की कोशिश की है। राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी OBC की छवि खराब करने की कोशिश है और OBC का अपमान है।

    कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया दी कहा, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी।

    महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित निचले सदन की एक अधिसूचना में कहा गया है, संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई) की शर्तों के अनुसार, गांधी को उनकी सजा की तारीख से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है।
    गांधी को 2019 में संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर की गई उनकी टिप्पणी “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है”के लिए दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया, ताकि श्री गांधी उच्च न्यायालय में अपील कर सकें। अदालत। कोर्ट ने उन्हें 10 हजार के मुचलके पर जमानत दी है।

    बता दें कि जनप्रतिनिधित्व (RP) अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, जो एक विधायक की अयोग्यता का मार्गदर्शन करती है, जिस क्षण संसद सदस्य को किसी भी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, वह या वह अयोग्यता को आकर्षित करता है।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *