उत्तराखण्ड। पांडव नृत्य उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख लोकनृत्य के रूप में जाना जाता है। यह नृत्य महाभारत में पांच पांडवों के जीवन से सम्बंधित है। इन दिनों रुद्रप्रयाग जिले के गांव दशज्यूलआ नागपुर पट्टी महड़ गांव में 23 नवंबर से 7 दिसंबर तक पांडव नृत्य का आयोजन हो रहा है 5 दिसंबर को पतंजलि योगपीठ की प्रभारी लक्ष्मी शाह के नेतृत्व में अभिमन्यु चक्रव्यूह कार्यक्रम किया जायेगा।

शताब्दी बाद प्रस्तुत हो रही पांडव नृत्य लीला
ये पांडव नृत्य लीला सौ साल के बाद दशज्यूला महड़ गांव में हो रहा है। पंद्रह दिवसीय पांडव नृत्य कार्यक्रम में पांडव लीला का मंचन किया जा रहा है। इस पांडव लीला में रुद्रप्रयाग छिनका गांव की सीमा गुसाई लोकगायिका ने अपनी लोककला के द्बारा अलग अलग अंदाज में अलग-अलग अभिनय की शानदार प्रस्तुति दी ।
एक दशक से अधिक वर्षों से मंचन से जुड़ी है लोग गायिका सीमा गुसाईं
बताते चलें कि सीमा गुसाई लोकगायिका पतंजलि योगपीठ की प्रभारी लक्ष्मी शाह के नेतृत्व में चमोली के गोचर में अल्मोड़ा के चौखुटिया में अभिमन्यु चक्रव्यूह का कार्यक्रम कर चुकी हैं। सीमा गुसाई लोकगायिका के लोकनृत्य व लोककला को देखते हुए पांडव लीला में पांडव नृत्य समिति माल्यार्पण करके सम्मानित किया। प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया सीमा गुसाई पांडव लीला व रामलीला के साथ-साथ कुमाऊं, गढ़वाल के देवी देवताओं के जागर भी अलग-अलग अंदाज में गाया करती है। अभी हाल में सीमा गुसाई लोकगायिका के द्वारा नरसिंह देवता का जागर भी रिलीज हुआ था। जो इन दिनों सोशल मीडिया व यूटब चैनल में काफी लोगों के द्वारा पसंद किया जा रहा है। नेगी ने बताया सीमा गुसाई लोकगायिका देवी देवताओं के जागर के साथ साथ 14 वर्षों से अलग- अलग जगह पर रामलीला मंचन पर अभिनय करती आ रही हैं।
कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक महिलाओं की टीम कर रही प्रतिभाग
पतंजलि योगपीठ के प्रभारी लक्ष्मी शाह की महिला टीम के द्वारा इस साल दो जनवरी से अयोध्या में महिला रामलीला मंचन का आयोजन भी होने जा रहा है।इस महिला रामलीला में कुमाऊं व गढ़वाल की आठ जिलों की महिलाओं की टीम द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। जिसमें रामलीला मंचन में अभिनय करने वाली महिला टीम की पचास से पचपन महिला है। उत्तराखंड की मात्र शक्ति के द्वारा अयोध्या में महिला रामलीला मंचन करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। जो उत्तराखंड के लिए सौभाग्य की बात है।