सेवा, अध्यात्म और संस्कृति के प्रतीक — योग गुरु आनंद राम Symbol of service, spirituality and culture – Yoga Guru Anand Ram
Almora: ग्राम रणखिल्ला, जिला अल्मोड़ा की पावन धरती पर जन्मे योग गुरु आनंद राम आज सेवा, अध्यात्म और मानवता की मिसाल बन चुके हैं। योग चिकित्सा के माध्यम से उन्होंने देश-विदेश में असंख्य लोगों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा दी है।
उनका जीवन केवल योग में ही नहीं, समाज सेवा में भी पूर्णतः समर्पित है। उन्होंने मंदिरों और उनके मार्गों के निर्माण को एक आध्यात्मिक दायित्व मानकर, अपने श्रम और साधनों से अनदेखे पड़े मार्गों को पुनर्जीवित किया है। हाल ही में उन्होंने अपने गांव के प्राचीन माता भगवती मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग का निर्माण करवा कर एक ऐतिहासिक कार्य किया, जो वर्षों से उपेक्षित था।
इस महान कार्य में उनके देश-विदेश में बसे शिष्यों ने तन, मन और धन से सहयोग देकर गुरु भक्ति की सच्ची मिसाल पेश की।
योग गुरु आनंद राम प्रतिमाह अपनी आय का एक अंश समाज की भलाई में लगाते हैं—चाहे वह गरीब बेटियों की शादी में मदद हो, गायों को पौष्टिक आहार देना हो, या बच्चों के लिए शिक्षा सामग्री का वितरण। वे मानवता के उस रूप को जीते हैं जहाँ सेवा ही सच्चा धर्म है।
गांववासियों और उनके शिष्यों ने इस सेवा यात्रा में योगदान देने वाले सभी सहयोगियों—जैसे कि सौम्या-श्रीनाथ शेट्टी, श्लोखा-अर्जुन शेट्टी, रीना गुप्ता,रजी-आनंद तिवारी, श्रुति-आलोक मनचंदा, सोनू-मनुज गुप्ता, तान्या-आशीष चोपड़ा, रश्मि-सचेंद्र शेट्टी, सोनम-सौमित्र श्रीवास्तव,वेंकट श्रीकांत वानपल्ली, विशाल खन्ना (हैप्पी) आदि—का हृदय से आभार व्यक्त किया है।
योग गुरु आनंद राम का यह प्रयास न केवल वर्तमान पीढ़ी को जोड़ता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सेवा, श्रद्धा और भारतीय संस्कृति की राह दिखाता है।