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    दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी प• गोविंद बल्लभ पंत की जयंती आज

    हिन्दी भाषा को भारत की राजभाषा के तौर पर प्रतिष्ठित करने में दिया अहम योगदान

    भारतीय स्वाधीनता आंदोलन व आधुनिक भारत के प्रमुख विद्वान उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वगीर्य गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर शत-शत नमन। गोबिंद बल्लभ पंत जी अल्मोड़ा जिले के खूट धामस के रहने वाले थे।इनका जन्म 10सितंबर 1887को हुआ।

    पंत जी प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व वरिष्ठ राज नेता भारत रत्न व उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भारत के चौथे ग्रह मंत्री भी रहे। इसके साथ-साथ गोबिंद बल्लभ पंत जी ने आजादी की लडाई नहीं बल्कि हिन्दी भाषा को सम्मान दिलाने का भी काम किया।1957मे पंत जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के समय पंत ने हिन्दी भाषा को भारत की राजभाषा के तौर पर प्रतिष्ठित करने का काम किया। गोविन्द पंत जी ने बिना शोरशराबे के भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व वरिष्ठ राजनेता का काम किया।

    वर्ष 1937 से 1939 तक उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे । वर्ष 1957 में उन्हें भारत रत्न भी मिला। वह कई दिनों तक कोमा में रहे और 7 मार्च 1961 को उन्होंने अंतिम सांस ली। हमने एक महान नेता खो दिया। जिन्होंने जमींदारी प्रथा को समाप्त किया और हिंदी को देश की राजभाषा बनाने के लिए भी संघर्ष किया।

    प्रताप सिंह नेगी समाजसेवी अल्मोड़ा से स्वगीर्य गोबिंद बल्लभ पंत जी श्रद्धांजलि देते हुए कहा आज भी हम उत्तराखंडियो को स्वगीर्य गोविन्द बल्लभ पंत जी के आदर्शो व भाव विचार को याद करना चाहिए जिन्होंने आजादी की लडाई के बाद उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री व देश के चौथे ग्रह मंत्री रहकर हिंदी भाषा को एक राजभाषा के लिए प्रतिष्ठित किया। वह एक रूढ़िवादी परिवार से थे लेकिन उनके विचार प्रगतिशील और आधुनिक थे। वह धर्म या आर्थिक स्थिति के नाम पर लोगों को वंचित करने में विश्वास नहीं करते थे। उन्होंने पश्चिमी शिक्षा को बढ़ावा दिया और उनका मानना ​​था कि लोगों के पास अपने अधिकारों का उपयोग करने की शक्ति होनी चाहिए।

    गोविंद बल्लभ पंत एक उत्कृष्ट वक्ता थे और उन्होंने अपने प्रभावशाली भाषणों से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। वह एक महान व्यक्ति थे और उन्हें कभी नहीं भुलाया जाएगा। कई अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों में उनका नाम है। उनका नाम हमारे दिमाग से कभी नहीं निकलेगा! वह हमारे इतिहास की किताबों में रहेंगे और उनकी कहानियाँ युवाओं को देश और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए प्रेरित करेंगी!

    ..... प्रस्तुति प्रताप सिंह नेगी 

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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