गुरील्लो को कार्रवाई का आश्वासन देकर गुम हुई सरकार, 10 फरवरी तक दिया अल्टीमेटम
आज दिनांक 16/01/ 2025 को एसएसबी गुरिल्ला संगठन की एक आपातकालीन मीटिंग ऑनलाइन के माध्यम से आहूत की गई। जिसमें एस एस बी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन के प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर सिंह राणा व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं टिहरी जिले के जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला, प्रदेश महासचिव एवं जिला उत्तरकाशी के जिला अध्यक्ष महावीर सिंह रावत, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोज भट्ट, प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट, सह मीडिया प्रभारी महावीर सिंह रावत, प्रदेश प्रचारक एवं चंपावत के जिला अध्यक्ष ललित मोहन बगोली, नैनीताल की जिला अध्यक्ष पुष्पा जलाल जी, प्रदेश संयोजक एवं अल्मोड़ा जिले की जिला अध्यक्ष श्रीमती निशा पांडे कथा वाचक निशा पांडे जी, प्रदेश महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष सुलोचना देवी, सह सचिव यशपाल चौहान जी, प्रदेश प्रवक्ता टी आर जख्मोला जी, प्रदेश सह संचालक एवं रुद्रप्रयाग जिले का जिला अध्यक्ष सुनील चौधरी जी, चमोली के जिला अध्यक्ष गुलाब सिंह बिष्ट जी, पौड़ी के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत जी, देहरादून के जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह गुसाई जी, प्रदेश प्रचारक संगीता चौधरी जी, श्रीमती गीता जोशी जी, उत्तरकाशी ,पुरोला के एल एम पवार जी और टिहरी के महासचिव पी एल उनियाल जी समस्त पदाधिकारीयों की ऑनलाइन मीटिंग संपन्न हुई। समस्त पदाधिकारीयों ने कहा कि 18 दिसंबर 2024 को जब सी एम आवास कूच था तो सरकार ने आनन-फानन में गुरिल्ला पदाधिकारीयों को वार्ता के लिए बुलाया जिसमें प्रमुख गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में वार्ता हुई। और सरकार ने आनन-फानन में 20 दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एवं समस्त सचिवों के साथ एक आपातकालीन मीटिंग सचिवालय में हुई थी जिसमें सचिव स्तर से तुरंत कार्रवाई का आश्वासन पदाधिकारीयों को दिया गया था लेकिन एक माह बीतने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसमें समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला एवं पदाधिकारी बड़े आक्रोशित हैं समस्त गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार 10 फरवरी तक गुरिल्लाओं को नौकरी एवं पेंशन नहीं देती है तो समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला 16 फरवरी को देहरादून कूच करेंगे और 17 फरवरी को अपने पुराने अडिग पर 17 फरवरी को अनिश्चितकालीन के लिए सी एम आवास कूच करेंगे और आत्मदाह जैसे कदमों के लिए बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी धामी सरकार की होगी।

