उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से आम जन जीवन प्रभावित हुआ है। भारी बारिश के चलते मैदानी इलाकों में जलभराव, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोटद्वार-लालढांग हरिद्वार रोड पर मालिनी नदी में बना पुल तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पुल के टूटने से सिडकुल और भाबर का कोटद्वार से संपर्क कट गया है, जिसके चलते लगभग 50 हजार आबादी का कोटद्वार मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है।
उधर, हरिद्वार में आज सुबह रेलवे ट्रैक पर पहाड़ी से मलबा आने से रेलमार्ग बाधित रहा। इससे कई रेलगाड़िया प्रभावित हुईं। इस बीच, मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में आने वाले दिनों में भी बारिश का दौर जारी रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून ने कल चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। विभाग ने राज्य के अन्य हिस्सों में भी कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर कल और परसों राज्य के सभी स्कूल और आगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उधर, राज्य आपतकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में 10 जुलाई से अब तक 17 लोगों की मृत्यु हो गयी, जबकि 18 लोग घायल हुए हैं। वहीं 14 आवासीय भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 200 ग्रामीण अवरूद्ध सड़कों को खोलने का प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में बारिश और आपदा पर लगातार नजर रख रहे हैं। आज उन्होंने हरिद्वार में जलभराव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये।
