• Mon. Dec 1st, 2025

    उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी

    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दी।

    प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए. इस दौरान कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम और पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में रोपवे की दो अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी.इसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे परियोजना और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) तक रोपवे परियोजना का विकास शामिल है.गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी रोपवे परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है. परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल लागत पर विकसित किया जाएगाकेदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर साल में अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दीपावली (अक्टूबर-नवंबर) तक लगभग 6 से 7 महीने तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है और इस मौसम के दौरान सालाना लगभग 20 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं.यह रोपवे सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा. इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रति दिन 18,000 यात्रियों को ले जाएगी. रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटाकर लगभग 36 मिनट कर देगी.रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएगी. गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है. यहां फिलहाल इसे पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर द्वारा तय किया जाता है. प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *