दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर छोटा राजन के सहयोगी भूपेंद्र उर्फ भुप्पी को गिरफ्तार किया है और उसे उत्तराखंड से ट्रांजिट रिमांड पर राष्ट्रीय राजधानी लाया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि नकली नोटों के 2020 के एक मामले में आरोपी भूपेंद्र उर्फ भुप्पी को उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल से गिरफ्तार किया गया और यहां एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे चार दिन की हिरासत में भेज दिया गया भुप्पी बंटी नाम के एक गैंगस्टर के साथ छोटा राजन के करीबी सहयोगी थे और उनके अंडरवर्ल्ड कनेक्शन थे। पुलिस के अनुसार भूप्पी नकली नोटों का धंधा करता था।
पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किए गए आतंकी नौशाद के साथ नोट का कारोबारी है, पुलिस ने कहा कि भूप्पी 2020 के एक मामले में फरार है। नौशाद, जो पहले से ही गिरफ्तार है, से भी पूछताछ की जाएगी। नौशाद अली और उसके सहयोगी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को पिछले महीने जहांगीरपुई से गिरफ्तार किया गया था। वे हरकत-उल अंसार संगठन और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के संपर्क में थे, जिसे भारत में एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी के जहागीरपुरी इलाके में गिरफ्तार किए गए आतंकवादी नौशाद ने पहले पूछताछ में दिल्ली पुलिस को बताया था कि उसे अपने पाकिस्तानी आकाओं से निर्देश मिले थे और उसने दो बार नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाने का प्रयास किया था, लेकिन असफल रहा।
पुलिस को पता चला है कि दोनों सुनील राठी, नीरज बवाना, इरफान छेनू, हाशिम बाबा, इबल हसन और इमरान पहलवान जैसे कुछ गैंगस्टर्स के संपर्क में थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादियों को “दक्षिणपथी हिंदू नेताओं पर लक्षित हमले करने का काम सौंपा गया था। सुहैल नौशाद का पाकिस्तानी आतंकी असफाक उर्फ आरिफ से लगातार संपर्क था। अशफाक उर्फ आरिफ आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का खास सदस्य है। नौशाद ने जांच के दौरान खुलासा किया कि जब वह जेल में था, तब उसकी मुलाकात आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार से जुड़े नदीम से हुई थी।
गौरतलब है कि नौशाद 2019 में दो बार नेपाल भी गए ताकि नेपाल से पाकिस्तान जाने का रास्ता खोजा जा सके। हत्या के आरोप में जेल में बंद नौशाद 25 साल बाद 2018 में जेल से छूटा था, तभी से वह पाकिस्तानी आतंकी सुहैल के इशारे पर काम करने लगा था। पुलिस ने कहा कि नौशाद करीब 27 साल तक भारत की अलग-अलग जेलों में बंद रहा और उस दौरान वह पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के आतंकियों से मिलता रहा, जिसके बाद उसने उनके लिए काम करना शुरू किया।