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    फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले मास्टरमाइंड को उत्तराखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार

    उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। इस कार्टेल के माध्यम से हजारों फर्जी सिम कार्ड दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में साइबर अपराधियों को बेचे जा रहे थे।पुलिस ने हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र से इस कार्टेल के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कई महिलाओं को धोखे में रखकर उनके आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल कर हजारों सिम कार्ड एक्टिवेट किए थे। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से व्हाट्सएप OTP स्कैम और अन्य ऑनलाइन ठगी के लिए किया जा रहा था।कैसे चल रहा था खेल?आरोपी महिलाओं को फर्जी सरकारी योजनाओं का लालच देकर उनके घरों में जाता था। फिर उनके आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा लेकर फर्जी तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट कर देता था। इन सिम कार्ड्स को वह चाइनीज और कंबोडिया के व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप्स में बेचता था। इन ग्रुप्स में मौजूद साइबर अपराधी इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन ठगी करने के लिए करते थे।पुलिस ने क्या बरामद किया?पुलिस ने आरोपी के पास से 1816 सिम कार्ड, दो चेक बुक, पांच मोबाइल फोन और दो बायोमैट्रिक डिवाइस बरामद की है।

    एसटीएफ को इसकी शिकायत माजरी माफी मोहकमपुर देहरादून निवासी एक पीड़ित ने दी थी। जिसमें पीड़ित द्वारा बताया गया कि वह पिछले 08 महीने से फेसबुक पर कथित कल्याणी निवासी चेन्नई नामक फेसबुक फ्रैण्ड के सम्पर्क में था, जिसके द्वारा Metal Advisor का कार्य करना बताया गया था और वह किसी वेबसाईट पर लोगों को पैसा इन्वेस्ट कर तीनगुना मुनाफा कमाने को कहती थी। उसके द्वारा फेसबुक पर कई ऐसी chat के स्क्रीनशॉट डाले गये थे जिसमें लोगों ने तीन गुना फायदा होने की बात स्वीकार की गयी थी। जब पीड़ित भी उसके झांसे में आया तो उसे व्हाट्सएप पर एक website का link भेजकर बताया कि कैसे- कैसे उसे उस website पर अपना user ID बनाना है और भी क्या-क्या करना है।धीरे धीरे पीड़ित को मुनाफे के चक्कर में पैसे जमा करने की जब बात की गई तो किसी तरह के फ्रॉड होने की बात की जानकारी लगी। इसकी जब पुलिस ने पड़ताल की तो नंबर से लेकर सिम कार्ड की पहचान तक फर्जी पाई गई। जिसके बाद पूरे ​गिरोह के खेल का भांडाफोड हो गया।

    मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इससे पता चलता है कि साइबर अपराधी कितने सूझबूझ से काम कर रहे हैं। वे लोगों के भरोसे का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं। इस मामले से यह भी पता चलता है कि साइबर अपराध अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल रहा है।आप क्या कर सकते हैं?

    * जागरूक रहें: किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संस्था से आने वाले संदेशों या कॉलों पर विश्वास न करें।* अपने डेटा को सुरक्षित रखें: अपने आधार कार्ड, बैंक खाते और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा करें।

    * साइबर सुरक्षा टिप्स का पालन करें: मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचें और अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।

    * शिकायत करें: अगर आपको किसी प्रकार की ठगी का शिकार बनाया जाता है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

    पुलिस की अपील:उत्तराखंड पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें।

    By D S Sijwali

    Work on Mass Media since 2002 ........

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