प्रदेश सरकार बंदरों के आतंक की बड़ी जन समस्या को बहुत हल्के में ले रही
बंदर भगाओ खेती बचाओ जन अभियान संचालन समिति ने सरकार की हील हवाली पर किया आक्रोश व्यक्त
बंदर भगाओ खेती बचाओ जन अभियान संचालन समिति ने दिन – ब – दिन बढ़ते जा रहे बंदरों के आतंक और प्रदेश सरकार की हील हवाली पर आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को याद दिलाई है कि गत माह गरुड़ की चुनावी सभा में अपनी घोषणा अनुसार उन्हें बंदरों के आतंक से जनता को मुक्ति दिलाने हेतु तत्परता से कार्य करने की आवश्यकता है।
ज्ञातव्य है कि समिति द्वारा बंदरों के आतंक से पीड़ित जनता को राहत दिलाने हेतु बीते जनवरी माह से जन अभियान संचालित किया गया है इस बीच लोक सभा निर्वाचन की आचार संहिता और प्रदेश सरकार के आश्वासनों के बीच अभियान को स्थगित रखा गया है।
समिति ने आक्रोश व्यक्त किया है कि प्रदेश सरकार इस बड़ी जन समस्या को बहुत हल्के में ले रही है।वास्तविकता ये है कि बंदरों के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है कटखने बंदरों द्वारा लोगों पर आए दिन के हमलों की खबरें आम हो गई हैं। सरकार द्वारा घोषित बंदर के काटने का मुआवजा भी पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा है। किसानों की रबी फसल का रकवा बंदरों के नुकसान कारण तेजी से गिरा है। जितना भी उत्पादन किसान ले सके उसे सुखाने तपाने में बंदरों के साथ खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
समिति ने प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी को स्मरण कराया है कि गत माह गरुड़ के रामलीला मैदान की चुनावी सभा में उन्होंने कहा था कि जनता को बंदरों के आतंक पर चिन्ता की जरूरत नहीं है परंतु एक माह बीत जाने बाद भी इस मामले में कुछ होता नजर नहीं आ रहा है और जनता की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं।
