उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना के बाद बचाव अभियान अभी भी जारी है। फंसे हुए पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान के तहत भारी मशीनें सिलक्यारा सुरंग में पहुंच गई हैं।
उत्तरकाशी, उत्तराखंड: दुर्घटनाग्रस्त सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में प्रार्थना की गई, जहां फंसे हुए पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। बता दें कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था।
इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स सिल्क्यारा सुरंग पहुंचे, जहां फंसे हुए पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।उन्होंने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने बताया, “…कल से बहुत सारा काम किया जा चुका है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम न केवल उन्हें(श्रमिकों) बचाएं बल्कि यह भी जरूरी है कि हम जिन श्रमिकों को बचा रहे हैं वह सुरक्षित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की।पीएम ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जरूरी बचाव उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य एजेंसियों के आपसी समन्वय से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। फंसे हुए श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है।
इससे पूर्व रविवार सुबह सिल्कियारा सुरंग दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘हम पांच वैकल्पिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियां यहां काम कर रही हैं, पीएमओ की ओर से भी इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.’ ।” सुरंग विशेषज्ञों और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों को भी बुलाया गया है। फंसे हुए पीड़ितों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है।
