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    उत्तराखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा

    डोईवाला देहरादून। आज शनिवार (दिनांक 15 जुलाई 2023) को उत्तराखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने डोईवाला में उप जिलाअधिकारी महोदय के कार्यालय पहुंचकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को भेजा। जिसमें उन्होंने बताया कि,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की एक ही समय पर कई विभागों में ड्यूटी लगाई गई है।


    आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी अपने विभाग के कार्यों के अलावा निर्वाचन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु घर-घर में सर्वे, के कार्य में लगा दी गई है ।


    ज्ञापन में बताया गया कि,आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर विभागीय कार्यों का अत्यधिक भार है जिसमें पी एम एम वी वाई योजना के अंतर्गत प्रथम गर्भवती के साथ ही, नए आदेशों के अनुसार अब दूसरी बालिका को जन्म देने वाली महिलाओं के भी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं। नंदा गौरा योजना में लगने वाले प्रमाण पत्र बालिकाओं द्वारा तैयार करवाये जा रहे योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, पोषण ट्रैकर में डाटा फीड करना, आधार एरर और आधार वेरिफकेशन, बच्चो का वजन,स्वास्थ्य पोषण कार्यक्रम टीकाकरण ,गोद भराई, अन्नप्राशन के कार्यों के साथ-साथ अधिकांश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निर्वाचन में बीएलओ का कार्य भी कर रही है।

    उपरोक्त कार्यों के अलावा अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी स्वास्थ्य विभाग में
    डेंगू नियंत्रण रोकथाम के कार्य को करने में भी लगा दी गई है ।
    आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि , डेंगू के लिए लोगों को जागरूक करना, प्रचार-प्रसार करने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई परेशानी नहीं है लेकिन अतिरिक्त कार्य जैसे घर-घर जाकर सर्वे, सघन डेंगू लारवा सर्वे, सोर्स रिडक्शन एवं नियंत्रण हेतु लार्विसाइड का छिड़काव, फॉकिंग का कार्य चालान काटना एवं सूचना आदि कार्य करने में हम सभी असमर्थ हैं।


    उन्होंने उत्तराखंड सरकार से गुहार लगाई है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्य को देखते हुए , आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर अतिरिक्त कार्य अन्य विभागों का उन पर ना लदा जाए । अधिक कार्य की वजह से महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है,महिलाओं पर परिवार की भी जिम्मेदारी होती है, अधिक कार्य के चलते आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर परिवार के लिए बिल्कुल समय नहीं निकाल पा रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिला सशक्तिकरण विभाग में कार्य कर रही हैं लेकिन उनका खुद का सशक्तिकरण ना होकर वे आसक्त हो गई हैं मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया कि,अगर अत्यंत आवश्यक हो अन्य विभाग के कार्य करना तो,जब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अन्य विभागों का कार्य करती हैं ,तब तक के लिए उन्हें अपने विभागीय कार्यों से मुक्त किया जाये।


    उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ का कहना उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों व दुग्रम क्षेत्रों की आंगनबाड़ी की महिलाओं को दिन पर दिन आनलाइन काम का भार बडाया जा रहा है जिससे इनको अपने घर परिवार को समय नहीं दिया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने अपना ज्ञापन सीडीपीओ कार्यालय डोईवाला को भी भेजा, आंगनवाड़ी के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अगर हमारी समस्याओं पर शासन प्रशासन जल्द ही निस्तारण नहीं करेगा तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मजबूर होकर सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
    ज्ञापन देने वालों में सुसीला खत्ती सुनीता राणा भागीरथी भट्ट मंजू क्षेत्रीय अर्चना शर्मा रजनी रावत, सीमा देवी, सरोज सोलंकी,मीना देवी शामिल रहे।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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